Sengol : क्या है सेंगोल? जिसे 28 मई को नए संसद भवन में स्थापित करेंगे पीएम मोदी, जानिए

Sengol : भारत का इतिहास बहुत विशाल और संपन्न रहा है, और इस इतिहास से जुड़ी कुछ ऐतिहासिक वस्तुएं भी उसका प्रतीक, जो भारत की अखंडता,संप्रभुता और पौरुष का प्रतीक मानी जाती है। 28 मई को देश की नई संसद भवन (New Sansad Bhawan) का उद्घाटन होना संपन्न किया गया है। उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) द्वारा किया जाएगा इस अवसर पर जहां बहुत सारी बातों की वजह से यह उद्घाटन समारोह चर्चा का विषय बना हुआ है, वही एक सेंगोल Sengol लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है।तो आइए जानते हैं क्या है यह सेंगोल।

What is Sengol सेंगोल क्या है?

Sengol सेंगोल तमिल का शब्द है जो संस्कृत के सुंक शब्द से बना है।सुंक का मतलब है शंख, भारत में शंख और संप्रभुता और पौरुष का प्रतीक माना जाता रहा है। भारत में सत्ता हस्तांतरण के समय इसे राजा को सौंपा जाता था इसकी इसी तरह से पहचान बनी हुई थी, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने जब पदभार संभाला था तब इसे अंग्रेजों द्वारा सत्ता सौंपी जाने के रूप का प्रतीक माना गया था। संगोल का इतिहास बेहद पुराना है और यह चोल साम्राज्य के समय का माना जाता है। बाद में इसे इलाहाबाद म्यूजियम में रखवा दिया गया था, यह देखने में किसी राजसी दंड जैसा लगता है।

लोगों को संबोधित करते हुए देश के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बताया कि आने वाले उद्घाटन समारोह में इसे संसद भवन में स्थापित किया जाएगा इसके साथ ही उन्होंने संगोल के म्यूजियम में रखे जाने को अनुचित ठहराया और कहा कि संगोल Sengol के लिए संसद भवन से उपयुक्त और पवित्र कोई जगह नहीं हो सकती है इसके साथ ही उन्होंने बताया कि संगोल का एक ऐतिहासिक महत्व है।

गौरतलब है कि आने वाले 28 मई को देश सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट के अंतर्गत निर्मित नई संसद भवन का उद्घाटन होने वाला है जहां विपक्ष ने इसे प्रधानमंत्री के द्वारा किए जाने पर निशाना साधा है वही नवनिर्मित संसद भवन अपने डिजाइन और स्ट्रक्चर के लिए चर्चा में है।

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