भारतीय छात्र के साथ नरक से भी बदतर किया Ukraine की सेना ने, दिल्ली लौटने के बाद बयां किया दर्द! देखिये photos-

दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर मंगलवार रात 11 बजे एक फ्लाइट यूक्रेन से करीब 249 छात्रों को लेकर पहुंची, जिसे लेने खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पहुंचे. यहां उन्होंने छात्रों का स्वागत कर उनका उत्साहवर्धन किया। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने राज्य के छात्रों को लेने के लिए हवाईअड्डे पर वाहन लगाए, ताकि छात्रों को किसी तरह की परेशानी न हो. इस मौके पर छात्राओं ने दिल दहला देने वाले दस्तानों के बारे में बताया।

उन्ही मे से एक student शुभांशु ने Romania सीमा तक पहुँचने के लिए अपनी और सैकड़ों भारतीय छात्रों की लंबी यात्रा और उन कठिनाइयों का वर्णन किया, जब वे यूक्रेन से पड़ोसी देशों में जाने की सख्त कोशिश कर रहे थे, जहाँ से उन्हें भारत लाया जाना था । Shubhanshu ने बताया,” सीमा तक यात्रा करना उतना मुश्किल नही था जितना सीमा पार करना असंभव हो गया था। हमारे agents ने बसों की व्यवस्था की। हम सकुशल सीमा पर पहुँच गए, हालाँकि हमें लगभग 12 किमी पैदल चलना था। लेकिन चलने में कोई समस्या नहीं थी। समस्या रोमानियाई सीमा पार करने मे थी

शुभांशु ने आगे बताया “छात्र रो रहे थे, मैंने देखा, और सीमा पार करने की अनुमति देने के लिए भीख मांग रहे थे। कुछ तो बेहोश हो गए, उनके पैरों पर गिर गए। कुछ छात्रों ने आपस में लड़ाई शुरू कर दी, ‘मुझे पहले जाने दो, मुझे पहले जाने दो’। मैंने किसी भी हिंसा का सामना नहीं किया, लेकिन इसे होते हुए देखा,” शुभांशु ने कहा, कुछ यूक्रेनी सैनिकों ने छात्रों को लात भी मारी।”कुछ छात्रों को राइफल स्टॉक से मारा गया था … स्थिति बहुत खराब हो गई थी। वे हमें पसंद नहीं कर रहे थे। जब सीमा के द्वार खुलते थे, तो वे पहले Ukrainian यानी यूक्रेन के लोगों को जाने देते थे। उन्ही मे एक लड़की simran ने बताया कि रोमानिया सीमा पर बर्फबारी हो रही थी। पारा माइनस -12°c था। खाना और पानी नहीं था। कोई आश्रय नहीं। कुछ भी नहीं था।

शुभांशु ने भारतीय embassy की तारीफ करते हुए कहा,” एक बार जब हम सीमा पार कर गए, तो भारतीय दूतावास ने अच्छी तरह से हमारा ध्यान रखा । उसके बाद हमें कोई समस्या नहीं हुई, “उसके बाद सब कुछ सुचारू रूप से चला। हमें खाना और पानी तुरंत provide कराया गया । मेरे कुछ दोस्त अभी भी आश्रय में हैं और वे बिलकुल 5 star hotel की तरह हैं, बहुत अच्छे हैं। लेकिन रोमानियाई सीमा पर स्थिति खराब थी।”

करीब 16,000 भारतीय छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भूमिगत बंकरों, मेट्रो स्टेशनों और बम आश्रयों से तस्वीरें और वीडियो साझा किए हैं, जहां वे पिछले गुरुवार को रूसी हमले शुरू होने के बाद से छिपे हुए हैं। लगभग 9,000 भारतीय नागरिक विभिन्न विशेष उड़ानों से रवाना होकर वापस देश लौट आये हैं ।