खुशखबरी: हावड़ा-नई दिल्ली रूट पर फर्राटे से दौड़ेगी साैर ऊर्जा से ट्रेनें, रेलवे ने की तैयारी शुरू..

न्यूज डेस्क: विभिन्न स्रोतों से बिजली की आवश्यकता प्राप्त करने में रेलवे का पूरा जोर, सौर ऊर्जा पर ही थम गया है। सौर ऊर्जा से स्टेशनों को रोशन करने के बाद ट्रेनों को चलाने का नया प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए कई जोन में पहल की गई है। इसके लिए रेलवे की योजना है कि रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर सोलर पैनल लगाकर ज्यादा से ज्यादा बिजली का उत्पादन किया जाए, ताकि रेलवे की ज्यादा से ज्यादा जरूरत सौर ऊर्जा से हासिल की जा सके।

नई पहल हावड़ा-नई दिल्ली रेल मार्ग के ग्रैंड कार्ड खंड पर की जा रही है। यहां भी रेलवे ट्रैक के किनारे पड़ी अनुपयोगी जमीन पर सोलर प्लांट लगाएगा। यहां से मिलने वाली बिजली को ग्रिड में भेजा जाएगा। इसके बाद इसे ट्रेन संचालन के लिए ट्रैक्शन भेजा जाएगा। इसके लिए धनबाद रेल मंडल के प्रधानखंता से बंधुआ स्टेशन के बीच करीब 200 किलोमीटर के दायरे में सोलर प्लांट लगाने के लिए अलग-अलग जगहों को चिन्हित किया गया है। रेलवे ने यह काम एनर्जी मैनेजमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दिया है ताकि वह इसकी योजना बनाकर उसे लागू कर सके।

यह अनुमान है कि देश भर में रेलवे लाइनों के साथ 51,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपयोग सौर संयंत्रों की स्थापना के लिए किया जाएगा। प्रस्तावित योजना का उद्देश्य 20 गीगावॉट तक सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए सौर संयंत्र स्थापित करना है। हरियाणा के दीवाना और मध्य प्रदेश के बीना में सौर ऊर्जा से ट्रेन चलाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। देखना होगा कि हावड़ा-नई दिल्ली रेल मार्ग पर यह प्रयोग कब शुरू होगा। धनबाद रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अखिलेश पांडेय ने मीडिया को बताया कि प्रधानखंता से बंधुआ तक अप लाइन के साथ खाली पड़ी जमीन पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। इससे न केवल रेल परिचालन के लिए वैकल्पिक ऊर्जा मिलेगी, बल्कि रेलवे के राजस्व की भी बचत होगी।