8 साल बाद भारत-नेपाल के बीच दौड़ेगी ट्रेन, जानें – यात्रा के लिए जरूरी कागजात और किराया..

डेस्क : करीब लंबे अरसे इंतजार के बाद भारत-नेपाल के बीच फिर रेल सेवा बहाल होने जा रही है। बिहार के मधुबनी जिला स्थित जयनगर से नेपाल के जनकपुरधाम होते हुए कुर्था तक ट्रेन सेवा की शुरुआत 2 अप्रैल से शुरू हो जाएगी। रेन की शुरुआत से अनेकों लोगों को सहूलियत मिलने वाली है।

पीएम नरेंद्र मोदी और नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउवा शनिवार को संयुक्त रूप से जयनगर- जनकपुर-कुर्था तक के परिचालन का उद्घाटन करेंगे। सबसे खास बात यह है कि अब इस ट्रेन में भारत व नेपाल को छोड़ किसी अन्‍य देश के नागरिक सफर नहीं कर सकेंगे। ट्रेन अभी जयनगर से कुर्था के बीच चलेगी। हालांकि, आने वाले दिनों में इसे वर्दीवास तक बढ़ाया जाना है।

आपको बता दे की भारत और नेपाल बीच डीएमयू ट्रेन (DMU TRAIN) चलेगी जिसकी रफ्तार 140 किमी होगी। मधुबनी के जयनगर-कुर्था के बीच चलने वाली डीएमयू ट्रेन में 1600 एचपी क्षमता वाला इंजन लगाया गया है। यात्रियों की सुविधा के हिसाब से आधुनिक बनाया गया है। ट्रेन की हर बोगी में शौचालय है। कुल पांच कोच में से एक एसी कोच है। एक ट्रेन में 1100 यात्री सफर कर सकते हैं।

इतना होगा किराया : जयनगर से जनकपुर स्टेशन के सफर के लिए नेपाल रेलवे ने नेपाली 60 रुपये (भारतीय 37.50 रुपये), जयनगर से कुर्था तक सफर के लिए नेपाली 70 रुपये (भारतीय 43.75 रुपये) और एसी के लिए 300 नेपाली रुपये (187.50 रुपये भारतीय) लगेगा।

यात्रा के लिए जरूरी वैध पहचान पत्र

  • वैध राष्ट्रीय पासपोर्ट
  • भारत सरकार/ राज्य सरकार/ केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा कर्मचारियों के लिए जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र।
  • भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र।
  • नेपाल स्थित भारतीय दूतावास/ भारतीय महावाणिज्य दूतावास द्वारा जारी इमरजेंसी प्रमाण पत्र या परिचय प्रमाण।
  • 65 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों के लिए उम्र और पहचान की पुष्टि के लिए फोटोयुक्त पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सीजीएचएस कार्ड, राशन कार्ड आदि।
  • एक परिवार के मामले में यदि किसी एक वयस्क के पास उपर्युक्त 1 से 3 में वर्णित कोई एक दस्तावेज हो तो अन्य सदस्यों को परिवार से उनके संबंध दर्शाने वाले फोटो युक्त पहचान पत्र (जैसे- सीजीएचएस कार्ड, राशन कार्ड, ड्राईविंग लाइसेंस, स्कूल/ कॉलेज के परिचय पत्र आदि) होने पर यात्रा की अनुमति दी जा सकती है।

गौरतलब है कि जयनगर से नेपाल के जनकपुर तक साल 2014 तक नेपाली ट्रेनों का परिचालन हुआ। भारत सरकार ने वर्ष 2010 में मैत्री योजना के तहत जयनगर से नेपाल के वर्दीवास तक 69.5 किमी की दूरी में नैरो गेज ट्रैक को मीटर गेज में बदलने व नई रेल लाइन बिछाने के लिए 548 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। फिर, साल 2012 में इरकॉन ने जयनगर में इस योजना पर काम शुरू किया।