न्यूज डेस्क : भारत और नेपाल में रह रहे लोगों के लिए भारतीय रेलवे के तरफ से बड़ा तोहफा मिलने जा रही है। जल्द ही इन दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध के लिए ट्रेन परिचालन किया जाएगा। इससे दोनों देशों के लोगों को आने-जाने में सहूलियत होगी। बताते चलें कि लगभग 619 करोड़ रुपये लागत से भारत-नेपाल “मैत्री रेल परियोजना” के तहत पहला चरण का काम तेजी से हो रहा है।
जिसमें, बिहार के जयनगर और नेपाल के कुर्था के मध्य 34.50 किलोमीटर लंबे रेल खंड पर जल्द ही ट्रेन चल सकती है। इसको लेकर रविवार को डीजल लोकोमोटिव द्वारा 110 किमी (KM) प्रतिघंटा की गति से सफलतापूर्वक स्पीड ट्रायल किया गया। इस दौरान इरकॉन और नेपाल रेलवे के कई वरिष्ठ उच्चाधिकारी मौजूद रहे। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस रेलखंड पर ट्रेन सेवाएं शुरू होंगी। बता दें कि वर्ष 2014 से जयनगर- जनकपुर के बीच ट्रेनों का परिचालन बंद है। परिचालन फिर से शुरू होने की संभावना से सीमावर्ती भारत और नेपाल क्षेत्र के लोगों में इसको लेकर उत्साह है।
जानिए, कब से परिचालन शुरू होगा: आपको बता दें कि स्पीड ट्रायल के सफल होने के बाद अब रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। रेल संरक्षा आयुक्त की अनुमति मिलने और भारत और नेपाल के बीच सहमति के बाद आवश्यक तकनीकी और परिचालन आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा। और इसके साथ ही आने वाले समय में जल्द ही इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाएगा। भारतीय रेल संचालन और रख-रखाव की प्रक्रिया आदि की जानकारी साझा कर भारत बड़ी रेल लाइन यात्री सेवा के संचालन में नेपाल को पूर्ण सहयोग दे रहा है।
यह परियोजना नेपाल को सौंपी जाएगी: रेलवे के मुताबिक ट्रायल के बाद 21 जुलाई को इरकॉन इंटरनेशनल दिल्ली मुख्यालय के कार्यकारी निदेशक सुरेंद्र सिंह नेपाल की राजधानी काठमांडू में परियोजना के पहले फेज के पूर्ण काम को नेपाल सरकार को हैंडओवर करेंगे। ट्रेन परिचालन को लेकर नेपाल सरकार ने कोंकण रेलवे, भारत से 2 डीएमयू ट्रेन पूर्व में खरीद कर ली है। जो नेपाल में कई महीनों से लगी हुई है। चालक, गार्ड और अन्य रेल कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।