न्यूज़ डेस्क: देश मे रेल दुर्घनाएं (Train Accident) एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। अधिकांश ऐसी घटनाएं सुनने को मिलते हैं, जिसमें भाड़ी स्तर पर जान-माल को क्षति पहुंची हो। इस संबंध में रेलवे द्वारा भी कई अहम फैसले लिए गए हैं। ठंड के समय में कोहरे से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है, जिससे उबरने के लिए ट्रेन के इंजन में फोग कटर लाइट का उपयोग होता है।
मालूम हो कि कई बार ऐसा भी होता है कि लोको पायलट को रेड सिग्नल ना दिखने के चलते ट्रेन नहीं रुक पाती है और दुर्घटना घटी जाती है। इस स्थिति में रेलवे की ओर से एक खास उपाय किया गया है। दअसल डिवाइस की सहायता से सिग्नल होते ही ट्रेन खुद रुक जाएगी यानी उसमे अपने-आप ब्रेक लग जाएगा। जागरण की एक खबर के अनुसार मुरादाबाद रेल मंडल की ओर से मुख्यालय को इस उपकरण को लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
ऐसे काम करेगी यह आधुनिक डिवाइस: रेलवे का यह शानदार प्रयोग है। यह ट्रेन दुर्घटनाओं पर पूर्णविराम लगाने के लिए यह उपकरण लगाया गया है। यह उपकरण दो हिस्सों में होगा। एक ट्रेन के इंजन के भीतर सेट मिये जाएंगे और दूसरा हिस्सा प्रत्येक सिंग्नल पर लगेगा।
- यह डिवाइस सिंग्नल के आने से 500 मीटर पूर्व ही इंजन के भीतर लगे डिवाइस लोको पायलट को सचेत कर देगी।
- यह अत्याधुनिक डिवाइस ड्राइवर को सिंग्नल आने के अलर्ट के साथ-साथ यह भी सूचित कर देगी कि सिग्नल लाल या हार है।
- यदि सिंग्नल लाल हो और ड्राइवर किसी कारणवश ट्रेन नहीं रोक पाया तो इस वक्त डिवाइस अपने-आप ब्रेक लगा देगी।
- ऐसे परिस्थितियों में जब तकनीकी भूल के चलते एक ही लाइन पर दो रेल गाड़ी आ जाती है तो इस स्थिति डिवाइस ट्ट्रेन को रोक कर कोई बड़ी घटना घटने से बचा लेगी।
बतातें चले कि मुरादाबाद रेल मंडल में सहारनपुर से लखनऊ तक के सिग्नलों पर दुर्घटना रहित उपकरण लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह 500 करोड़ रुपये के लागत से लगाया जाएगा। मंडल रेल प्रशासन की ओर से एक प्रस्ताव तैयार कर उत्तर रेलवे मुख्यालय के माध्यम से रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है।