परिवार का पेट पालने के लिए बिहार की ये महिला बनाती है मर्दो की दाढ़ी मूछ – भविष्य में करना चाहती हैं बड़ा काम

डेस्क : आज हम आपको बिहार की एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी कहानी सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। महिलाएं किसी भी समाज का अभिन्न हिस्सा होती हैं। भारत की आबादी में 50% महिलाऐं शामिल हो गई हैं। समाज में वह अपना अनोखा योगदान करके, अपनी जीवन शैली के साथ साथ देश को आगे बढ़ा रही हैं, समाज में रह रही कुछ महिलाएं ऐसी हैं जो अपने पूरे परिवार का पेट पाल रही हैं। आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने वाले हैं जिसने समाज से विपरीत जाकर अनोखा काम शुरू किया। इस महिला की उम्र 35 साल है।

महिला का नाम सुखचैन देवी है। सुखचैन देवी, सीतामढ़ी जिला बाजपट्टी क्षेत्र के बसौल गांव की रहने वाली है। सुखचैन देवी के पति का नाम रमेश है, जो चंडीगढ़ में रहते हैं। उनके पति चंडीगढ़ में बिजली का काम करते हैं। मात्र 16 साल की उम्र में सुखचैन देवी की शादी हो गई थी। जब सुखचैन देवी के पिता की मृत्यु हो गई तो पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई। अकेले रहते हुए उन्होंने सोचा कि वह क्या काम करें ? लोकडाउन की वजह से उनके पति चंडीगढ़ में फँस गए थे। उनके दिमाग में आया कि क्यों मर्दों की दाढ़ी बनाई जाए। ऐसे में वह इस काम से जरा भी नहीं हिचकी और उन्होंने अपने मायके में रहते हुए मर्दों की दाढ़ी बनाने का काम शुरू किया।

जब वह अपने मायके में थी तो उनको किसी भी चीज के लिए सोचना नहीं पड़ा और उनको यह एहसास ही नहीं हुआ कि वह एक अलग काम करने जा रही है, जो समाज से बिल्कुल विपरीत है। ऐसे में परिवार चलाने के लिए सुखचैन देवी ने समाज की पुरानी रीति को तोड़कर गाँव में अपना नाम बनाया। सुखचैन देवी मजबूरियों के आगे विवश नहीं हुई, आज वह अपने परिवार का गुजारा अच्छे से कर रही हैं। सुखचैन देवी पूरे गांव में घूम घूम कर यह काम करती हैं। वह सुबह दाढ़ी बनाने और बाल काटने का सामान लेकर अपने घर से निकल जाती हैं। सुखचैन देवी का कहना है कि पहले लोग दाढ़ी बनवाने में हिचकते थे लेकिन उनको उनके मायके में कुछ लोग जानते थे जिसके चलते धीरे धीरे वह इस काम को करने लगी।

सुखचैन देवी का कहना है कि आने वाले समय में अगर उन्हें अच्छी ट्रेनिंग मिल जाएगी तो वह अपना ब्यूटी पार्लर खोलेंगी। वह लोगों की शादी में जाने से पहले उनके बाल काटती और दाढ़ी मूछ बनाती हैं। वह लोगों की हजामत करती भी नजर आती हैं। फिलहाल सुखचैन देवी को हमारी तरफ से सलाम है कि वह अपना घर अपने दम पर चला रही हैं।