मुखिया बनने के लिए की शादी फिर भी पूरा ना हो पाया सपना

डेस्क : उत्तर प्रदेश चुनाव में इस बार लोगों ने अलग-अलग तरीके से दांव खेला बता दें कि उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव कोरोना काल के बीच आयोजित किए गए थे। ऐसे में ग्राम पंचायत चुनाव का रिजल्ट आ चुका है। कई लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है तो कई लोगों की किस्मत चमक गई है। बता दें कि इन चुनाव में एक ऐसे प्रत्याशी खड़े थे जिनका नाम हाथी सिंह था, हाथी सिंह ने अपनी उम्र भर लोगों की सेवा की और सेवा करने के चक्कर में उनकी आधी से ज्यादा उम्र निकल गई, जिसके चलते उनकी शादी ही नहीं हुई। उनका शुरू से ही एक सपना था की वह अपने गांव के प्रधान बनेंगे।

लेकिन किसी कारणवश वह सीट महिला प्रत्याशी के नाम पर हो गई। इस कारण उनको मजबूरन शादी करना पड़ा और अपनी पत्नी को चुनाव में खड़ा करवाना पड़ा। जब उन्होंने शादी की तो उनको अपनी उम्र से काफी छोटी लड़की मिली लेकिन प्रधानी करने के लिए सब मंजूर है। एक तरह से देखा जाए तो उन्होंने भ्रह्म्चर्य का जीवन जिया। लेकिन, अब उनकी सारी तपस्या ख़तम हो गई और विफल भी। बता दें कि वह पिछली बार का चुनाव 57 वोट से हार गए थे, लेकिन फिर भी वह हार नहीं मानी और सामाजिक कार्य में लगे रहे जिसके चलते उन्होंने पूरी नजर अगले चुनावों पर बनाकर रखी थी। जब उन्होंने देखा कि अगले चुनाव आ रहे हैं तो उन्होंने अपनी तैयारी और मजबूत कर ली। बता दें कि उन्होंने बिहार में कोर्ट मैरिज की थी। हाथी सिंह को इस बार पूरा विश्वास था कि वह चुनाव जरूर जीतेंगे और लोगों की सेवा करेंगे।

उनको शादी करने की सलाह उनके शुभचिंतकों ने दी थी। ऐसे में उन्होंने तुरंत शादी भी कर ली थी। बता दें कि इस बार के चुनाव के रिजल्ट में उनकी पत्नी को 34 वोटों से हार मिली है। हाथी सिंह की पत्नी का नाम है निधि सिंह। वह चुनाव प्रचार में लोगों के घर खुद जाया करती थी और चुनाव प्रचार में खुद जाती थीं। वह घर- घर जाकर वोट की गुहार लगाती थी। बता दें कि चुनाव के प्रचार में जब वह लोगों की तरफ हाथ उठाती थी तो उनके हाथों पर लगी मेहंदी नजर आती थी, जिससे साफ पता चलता था कि इनकी हाल फिलहाल में ही शादी हुई है। गांव वालों ने भी निधि को बहुत प्यार दिया, लेकिन फिर भी उनके हाथ निराशा ही लगी। बता दे की हाथी सिंह की पत्नी को 525 वोट मिले वहीं उनके प्रतिद्वंदी हरि सिंह की पत्नी सुनीता देवी को 564 वोट मिले।