मुग़ल काल का ये राजा लेता था कामोत्तेजक दवाइयां – औरतों को करवाता था शराब से भी ज्यादा नशा

इतिहास में दर्ज कहानियां कहती हैं कि शाहजहाँ दो चीजों का शौकीन था, यूरोपीय अंगूरों से बनी शराब और नशीली औरतें। लेकिन महिलाओं की दवाएं शराब से ज्यादा मजबूत होती हैं। ताजमहल देखने वालों ने मुगल बादशाह शाहजहां और मुमताज महल की प्रेम कहानी पढ़ी, लेकिन इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि बादशाह की जिंदगी में कितनी औरतें आईं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शाहजहाँ मुमताज से बहुत प्यार करता था। इतिहास में दर्ज कहानियां कहती हैं कि शाहजहाँ दो चीजों का शौकीन था, यूरोपीय अंगूरों से बनी शराब और नशीली औरतें। लेकिन महिलाओं की दवाएं शराब से ज्यादा मजबूत होती हैं।

एक इतालवी यात्री और दाराशिकोह के घनिष्ठ मित्र मनुची ने अपने संस्मरणों में लिखा है कि शाहजहाँ को केवल एक ही चीज़ की चिंता थी: सुंदर महिलाओं की खोज। फ्रांसीसी इतिहासकार फ्रेंकोइस बर्नियर भी मनुची का समर्थन करते हुए लिखते हैं कि महिलाएं सम्राट की सबसे बड़ी कमजोरी थीं।

पत्नी की बहन और दामाद की पत्नी के बीच संबंध : कई इतिहासकारों का कहना है कि शाहजहाँ की पत्नी मुमताज महल का अपनी विवाहित बहन फरजाना बेगम के साथ बहुत करीबी रिश्ता था, बाद में उसने फरजाना को अपनी रखैल बना लिया। इसकी पुष्टि करते हुए मनुची लिखते हैं कि दोनों के बीच संबंध बेहतरीन थे। क्योंकि फरज़ाना का बेटा शाहजहाँ के बेटे दारा शिकोह जैसा था।

इतिहासकार किशोर शरण लाल ने अपनी किताब द मुगल हरम में लिखा है कि पूरी सल्तनत में जफर खान और खलीलुल्लाह खान की पत्नियों के शाहजहाँ के साथ नाजायज संबंध थे। आलम यह था कि जब ये औरतें महल के लिए निकलीं तो भिखारियों ने भी इन पर भद्दी टिप्पणियां कीं।

शाहजहाँ के काल में पुर्तगाली यात्री सेबस्टियन मैनरिक दिल्ली में रहा करते थे, सम्राट और महिलाओं से जुड़ी कई कहानियाँ सुनते थे, जिन्हें उन्होंने अपनी किताबों में दर्ज किया था। अपने दामाद की पत्नी को बख्श दो।

कई रखैलें थीं : दिलचस्प बात यह है कि शाहजहाँ उस स्थिति में था जब उसके हरम में कई रखैलें थीं। अपनी सल्तनत के इतिहासकार वारिस ने अपने ऐतिहासिक दस्तावेजों में लिखा है कि अकबराबादी पैलेस और फतेहपुरी पैलेस बादशाह की हरम रखैलियों के सबसे पसंदीदा थे। इसके अलावा, हरम में लड़कियों का एक समूह था जो विशेष रूप से शाहजहाँ के लिए नृत्य कार्यक्रम प्रस्तुत करता था। हालांकि, इसके बावजूद शाहजहाँ ने महिलाओं के साथ व्यभिचार करने से बाज नहीं आया।

वृद्धावस्था में कामोत्तेजक : किशोर लाल शरण लिखते हैं कि शाहजहाँ ने निस्संदेह भारत में कई स्मारकों का निर्माण किया, लेकिन यौन संबंधों के मामलों में वह अक्सर अपनी सीमाओं को लांघ जाता था। महिलाओं के प्रति उसके मन में कितना प्रेम था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने अंत में भी कामोद्दीपक लेना बंद नहीं किया। उसकी ज़िंदगी।

उसका पुत्र औरंगजेब यह जानता था, इसीलिए जब उसने शाहजहाँ को आगरा के किले में बंदी बना लिया, तो उसे खुश करने के लिए उसने वहाँ महिलाओं का एक समूह रखा।