डेस्क : भारत के छात्रों का दिमाग किसी वैज्ञानिक के दिमाग से कम नहीं है आपको बता दें कि बी-टेक के छात्रों ने कुछ ऐसा कार्य कर दिखाया है। जो अपने आप में ही अद्भुत है और लाखों युवाओं की प्रेरणा का स्रोत है। एक प्राइवेट कॉलेज के बीटेक छात्र ने ट्रैफिक कंट्रोल सिगनल की मदद लेते हुए एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है। जिसके दम पर आदमी की सुरक्षा भी होगी और पेट्रोल भी बचेगा, अगर मोटरसाइकिल चलाने वाला दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो इसकी जानकारी पुलिस और अस्पताल को भी मिल जाएगी।
आपको बता दें कि अशोका इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट वाराणसी के छात्र विपिन सुलेख और आशीष त्रिपाठी ने मिलकर एक हेलमेट बनाया है, जो ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम के 50 मीटर की दायरे में आते ही काम करना शुरू कर देता है। ऐसे में जब यह हेलमेट लाल बत्ती के आगे आता है तो 50 मीटर पहले ही गाड़ी रुक जाती है और बत्ती हरी होने पर अपने आप गाड़ी का इंजन चालू हो जाएगा। छात्रों का कहना है कि यह सिस्टम एक मल्टी स्तर का सिस्टम है। यह छात्र अशोका इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट वाराणसी के छात्र हैं जिनका नाम आशीष त्रिपाठी, विपिन और सुलेख है।
जिसमें ट्रांसमीटर और रिसीवर के जरिए जानकारी का आदान-प्रदान होता है। एक ट्रांसमीटर हेलमेट में लगा होता है। यह ट्रांसमीटर और रिसीवर बाइक में भी मौजूद रहते हैं जैसे ही वह लाल बत्ती के पास पहुंचते हैं तो सिग्नल द्वारा भेजी गई Radio-frequency की तरंगों के तहत स्वचालित रूप से कार्य करते हैं।इसका दायरा फिलहाल 50 मीटर का है लेकिन रेंज को आने वाले समय में आसानी से बढ़ाया जा सकता है। प्रदूषण मुक्त करने के लिए दुर्घटना से बचाव के लिए एवं लोकेशन जांचने के लिए यह तकनीक बेहद ही कारगर है।