ये हैं भारत के सबसे अनोखे पुल, जिन्हें देखकर आप भी कहेंगे, यह है मेरा इंडिया..

न्यूज डेस्क: भारत एक ऐसा देश है जिसे सोने का चिड़िया के नाम से पुकारा जाता है, यहां सभी धर्म के लोग, अलग-अलग भाषाएं, अलग अलग कल्चर सब एक साथ आपको मिल जाएगा, आप यू कहे तो आपको पूरा इंडिया घूमने में एक पीढ़ी खत्म हो जाएगा, लेकिन फिर भी आप पूरा इंडिया को नहीं घूमने पाएंगे। लेकिन, इसी बीच आप लोगों को देश से कुछ ऐसे अनोखे पुल के बारे में बताएंगे, जो भारत ही नहीं है बल्कि विदेशों में भी देश का गौरव बढ़ा रहा है,

1.भूपेन हजारिका सेतु: यह सेतु असम राज्य के तिनसुकिया जिले के लोहित नदी पर बना हुआ है, जो एक साथ दो राज्यों को जोड़ता है, असम और अरुणाचल प्रदेश को.. यह पुल 9.15 KM लंबाई और 12.9 मीटर चौड़ाई है, साथ ही यह सेतु भारत का सबसे लंबा है, बताते चलें कि 2017 में बने इस पुल की आधारशिला 2003 में अरुणाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुकुट मीठी ने रखी थी, यह पुल को पूरा होने में 14 साल का लंबा समय लगा,

2.महात्मा गांधी सेतु: बिहार राज्य के पटना जिले में स्थित महात्मा गांधी सेतु सबसे पवित्र गंगा नदी के ऊपर बना पुल हुआ है, इसे गंगा सेतु के नाम से भी जाना जाता है, यह पुल एक साथ राजधानी पटना को कई जिलों से जोड़ता है। 18,860 फीट की ऊंचाई और 5,750 मीटर की लंबाई वाला यह पुल भारत का दूसरा सबसे लंबा पुल है, बता दें कि वर्ष 2017 में ढोला-सादिया पुल के बनने से पहले यही पुल भारत का सबसे बड़ा पुल माना जाता था।

3.बांद्रा-वर्ली सी लिंक: भारत के सबसे लंबे सड़क पुलों की बात होती है तो बांद्रा सी लिंक ब्रिज के बारे में भी चर्चा जरूर की जाती है, यह पुल बांद्रा को मुंबई के पश्चिमी उपनगरों से जोड़ता है। बता दे की इस ब्रिज को राजीव गांधी सागर लिंक के रूप में भी जाना जाता है, वर्ली सी लिंक मुंबई का वह पुल है जो कि शहर की सुंदरता में चार चांद लगा देता है, आप यू कहे तो यह पुल मुंबई वासियों के लिए टूरिस्ट प्वाइंट के भी नाम से जाना जाता है, 5.6 KM लंबा यह समुद्री लिंक सुचारू रूप से 8 ट्रैफिक लेन चलाता है और हर दिन यहां से लगभग 37,500 कारों का आवागमन होता है, यह सी लिंक ब्रिज का निर्माण साल 2000 में शुरू हुआ था, जो लगभग 10 साल बाद 24 मार्च 2010 को बनकर तैयार हो गया था।

4.बोगीबील ब्रिज: बोगीबील ब्रिज भी असम राज्य में स्थित है, यह पुल भारत का सबसे लंबा रेल-सह-सड़क पुल है जो डिब्रूगढ़ और धेमाजी जिलों को जोड़ता है, ब्रह्मपुत्र नदी पर बने इस पुल की लंबाई 4.94 किमी है जो पूरे ऊपरी असम और अरुणाचल प्रदेश को कनेक्टिविटी प्रदान करता है, पुल का ऊपरी डेक 3-लेन का सड़क मार्ग है और निचला डेक 2-लाइन ब्रॉड गेज रेलवे है, साल 2000 में इसका निर्माण शुरू हुआ था जिसे पूरा होने में लगभग 18 साल लंबा समय लग गया, 25 दिसंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही इस पुल का उद्घाटन किया था जिसके बाद इसे जनता के लिए खोल दिया गया था।

5.विक्रमशिला सेतु: विक्रमशिला सेतु भी बिहार में स्थित है। यह देश का पांचवा और बिहार का दूसरा सबसे लंबा पुल है, यह पुल बिहार के भागलपुर जिले में गंगा नदी के ऊपर बना है, इस पुल की लम्बाई 4700 मीटर है जो NH 80 और NH 31 को आपस में जोड़ता है, खास बात ये है कि यह पुल पूरी तरह से कंक्रीट और लोहे से बना हुआ है,2001 में बन कर तैयार हुए इस पुल पर बढ़ते ट्रैफिक के कारण फिलहाल इसके पास ही एक और समानांतर पुल बनाने की मांग बढ़ रही है।

6.दीघा सोनपुर ब्रिज: दीघा सोनपुर ब्रिज भी बिहार में ही स्थित है। दीघा-सोनपुर ब्रिज या लोकनायक जयप्रकाश नारायण सेतु बिहार का चौथा सबसे बड़ा और भारत में सातवां सबसे बड़ा पुल है, जबकि असम में बोगीबील ब्रिज के बाद भारत का दूसरा सबसे लंबा रेल-सह-सड़क पुल है, यह पुल बिहार के उत्तर और दक्षिण भाग को कनेक्टिविटी प्रदान करता है, 4.55 किमी लंबाई और 10 मीटर चौड़ाई के साथ स्टील ट्रस डिजाइन वाले इस पुल का निर्माण 2003 में शुरू हुआ जो कि 2016 में जाकर पूरा हुआ।