डेस्क : 1 जुलाई यानी आज से ही केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार बिहार में सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकोल की खरीद बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध लग जाएगा. (Single used Plastic Ban) अब इस बैन के बाद कई श्रमिकों की नौकरी जाने वाली है. मौजूदा समय में राज्य में 28 कारखानों के साथ 200 करोड़ रुपये से अधिक का सालाना कारोबार है. बता दें कि पूरे बिहार में सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकोल का 200 करोड़ का सालाना व्यापार होता है. इतना ही नहीं अपितु पूरे बिहार में इसकी 28 फैक्ट्रियां हैं जिसमें से चार केवल पटना में ही मौजूद हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक पर रोक लगाई गई है. इनके अलावा थर्माकोल से बने कप प्लेट ग्लास और अन्य कटलरी आइटम भी एक जुलाई यानी आज से इस्तेमाल नहीं होंगे. प्लास्टिक स्टिक वाले ईअर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की डंडिया, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडियां और थर्माकोल की सजावटी सामग्री और कप प्लेट ग्लास काटे चम्मच चाकू, स्ट्रे, मिठाई के डब्बे और निमंत्रण कार्ड के अलावा सिगरेट पैकेट के आसपास लपेटने वाले प्लास्टिक और 100 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर पर भी एक जुलाई 2022 यानी आज से रोक लग चुकी है.
हालांकि इस बीच जो प्लास्टिक कंपोस्ट योग्य है, उस पर प्रतिबंध लागू नहीं होगा. गौरतलब है कि अगर इस पर गौर किया जाए तो प्लास्टिक एक अभिशाप बन चुका है. पूरे पटना में रोज करीब 100 टन प्लास्टिक कचरे के रूप में निकलता है और अगर पूरे बिहार की बात करें तो सालाना करीब 5845 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है. ज्ञात हो कि इन प्लास्टिक के कारण एक ओर जहां नालियां जाम होती है तो वहीं दूसरी ओर पशु हो या मानव सबकी जान माल की हानि का भी खतरा बना रहता है.