डेस्क : यूपीएससी की परीक्षा देना बेहद ही चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन जो अभियार्थी इसको पहले प्रयास में निकाल देते हैं वह किसी और दुनिया से नहीं आते बल्कि हमारी और आपकी तरह है। इस परीक्षा में सबसे पहले धैर्य की परीक्षा होती है। धैर्य रखने वाले वयक्ति ज़रूर सफल होते हैं लेकिन कुछ ऐसे अभियार्थी भी होते हैं जो अपने पहले प्रयास में इस परीक्षा को पार कर अपनी जिंदगी बना लेते है।
ऐसा ही काम 2019 की यूपीएससी परीक्षा में भाजपा लोक सभा अध्यक्ष स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला ने किया है। लेकिन अंजलि बिरला को लेकर एक पोस्ट फेसबुक पर जमकर वायरल हो रही थी जिसमें यह बताया जा रहा था की उन्होंने यूपीएससी में बैकडोर से एंट्री मारी है। उन्होंने कोई परीक्षा नहीं दी। उनकी पैरवी लगवाई गई है और मेहनती बच्चों को पीछे कर दिया गया है। आरक्षित कोटे से उचित कैंडिडेट की छुट्टी कर भाजपा लोक सभा अध्यक्ष स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला को सीट दी गई है। यह पोस्ट ट्विटर पर अनेको लोगो द्वारा शेयर किया जा रहा था। अनेकों लोगो ने प्रतिक्रिया दी की अब आईएएस काबिलियत से नहीं रसूक से बना जाएगा।
लेकिन इस दावे को बिरला परिवार ने खारिज कर दिया है और कहा है की ऐसा बिलकुल भी नहीं है हमारे ऊपर लगाए गए आरोप बे बुनियाद हैं। अंजलि बिड़ला का कहना है की उन्हें काफी दुःख होता है जब उनको परीक्षा पास करने के बाद भी अपनी परीक्षा पत्र/एडमिट कार्ड दिखाना पड़ रहा है। इस बात की जानकारी हमें द वायर मीडिया चैनल से मिलती है जहाँ पर यह साफ़ बताया गया है की उनके पास सभी दस्तावेज मौजूद हैं जिससे वह साबित कर चुकी हैं की उन्होंने परीक्षा अपने दम पर पास की है।