Syeda Salva Fatima: पिता बेकरी में करते थे काम, फीस के भी नहीं थे पैसे, बेटी मेहनत से बनी राज्य की पहली मुस्लिम महिला पायलट..

Syeda Salva Fatima: जिसके हौसले बुलंद होते हैं, वो तमाम परेशानियों के बावजूद अपनी मंजिल पाने से पीछे बिल्कुल भी नहीं हटते. कुछ ऐसी ही प्रेणादायक कहानी है हैदराबाद की पहली कॉमर्शियल मुस्लिम महिला पायलट सैयदा सल्वा फातिमा (Syeda Salva Fatima) की. सैयदा सल्वा का जन्म मोगलपुरा के एक गरीब परिवार में हुआ. आर्थिक तंगी के बावजूद सैयदा ने आसमान में उड़ने का सपना देखा जिसे पूरा कर वो दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन गईं

पिता करते थे बेकरी में काम, फीस भरने तक के नहीं थे पैसे : सैयदा सल्वा फातिमा के पिता सैयद अशफाक अहमद एक साधारण बेकरी में काम करते थे. बड़ी ही मुश्किल से परिवार का खर्च पूरा हो पाता था. आर्थिक तंगी की वजह से सैयदा फातिमा की पढ़ाई छूटने की कगार पर थी. हालांकि उनके स्कूल की प्रिंसिपल ने उनकी काफी मदद की दरअसल, सैयदा सल्वा फातिमा अपने 4 भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं. जब वह सेंट एन के जूनियर कॉलेज में बारहवीं की पढ़ाई कर रही थीं. तब उनका स्कूल छूटने वाला था. पिता के पास फीस भरने के पैसे नहीं थे. सैयदा सल्वा फातिमा और उनका परिवार काफी निराश था. ऐसे में प्रोफेसर संगीता ने सैयदा सल्वा फातिमा की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया. फीस भरकर उनकी पढ़ाई जारी रखने में भी मददगार बनीं.

फातिमा को पिता कहते है ‘Miracle Girl : सैयदा सल्वा फातिमा महिला सशक्तिकरण की एक शानदार मिसाल हैं. उन्होंने आर्थिक तंगी के बावजूद पायलट बनने का अपना सपना नही छोड़ा. हैदराबाद की रहने वाली सैयदा सल्वा फातिमा भारत की उन चुनिंदा मुस्लिम महिलाओं में शामिल हैं जिनके पास कॉमर्शियल पायलट का भी लाइसेंस है. उनके पिता और पूरे परिवार ने उनको बहुत सहयोग भी किया. पिता प्यार से उन्हें ‘Miracle Girl’ भी कहते हैं.

वहीं सैयदा फातिमा ने पहली बार तेलंगाना एविएशन एकेडमी में सेसना स्काईवॉक पर आसमान में उड़ान भरी थीं. वर्तमान में फातिमा एयरबस 320 उड़ाती हैं. वे एक टॉप प्राइवेट एयरलाइन की ऑफिसर भी हैं. News 18 की एक खबर के अनुसार, फातिमा कहती हैं कि फ्लाइंग एक टफ प्रोफेशन है. किसी भी पायलट को अपनी चिंताओं को कॉकपिट के दरवाजे के बाहर रखकर आना होता है. मुझे मेरे पैरेंट्स, पति और ससुराल वालों का बेहद सपोर्ट मिला. जिसकी वजह से ही मैं अपने सपने को साकार कर पा रही हूं.