आपबीती : देवघर त्रिकूट पहाड़ हादसा में लगा अब मर जायेंगे, गला सूखने पर लोगों ने पेशाब पीकर बचाई जान

डेस्क : देवघर में बीते दिन जो हादसा हुआ उससे पूरा देश परेशान है। बता दे की जिन लोगों की जान बच गई है उन्होंने अपनी मानसिक स्थिति बताई। पर्यटक दीपक राव ने बताया कि किस प्रकार से सभी लोग डर के साथ ट्रॉली के भीतर ही बैठे हुए थे। उनका मन हमेशा विचलित था। दीपक राव ने बताया कि गर्मी बहुत ज्यादा थी और गला सूख रहा था कई लोगों ने तो वहां पर पेशाब करके अपना गला गीला किया और जान बचाई। बीते 24 घंटे तक सांस थाम कर सभी लोग बाबा बासुकीनाथ को याद करते रहे और सभी उस ट्रॉली के भीतर बैठे रहे।

सभी लोग लगातार बचाओ-बचाओ चिल्लाते रहे, वहीं दूसरी तरफ लोग पानी पानी भी चिल्ला रहे थे। यह पूरा का पूरा दृश्य करीब 24 घंटे तक चलता रहा। यह सारा हाल खुद त्रिकुट पहाड़ पर फंसे 6 लोग द्वारा बताया गया है। रामनवमी पर पूजा के बाद निर्मला देवी पूरे परिवार के साथ बाबा बासुकीनाथ धाम पूजा करने के लिए निकले थे। साथ में मामी जी जिनका नाम कौशल्या देवी, बहन अनुराज, दूसरी बहन अनन्या एवं दोस्त डिंपल उर्फ राकेश भी साथ गए हुए थे सभी ने मन बनाया कि वह पहाड़ घूमेंगे। लेकिन ट्रॉली टूटने का कारण सब उसी में फंसे रह गए बता दें की पूरी रात उन लोगों को डर के मारे नींद नहीं आई, उनको लग रहा था कि कोई भी उनको ऊपर से फेंक देगा। अचानक ही फिर ट्रॉली रुक गई और सभी ने 24 घंटे डर के साथ बिताए। कई लोग बाबा बासुकीनाथ को याद करते रहे और गला सूखने के चलते अपना ही पेशाब पीने लगे थे।

जब सुबह हुई तो सूरज की रोशनी उनकी सीधा आंखों पर पड़ रही थी। इसी बीच लोग फिर से बचाओ-बचाओ चिलाने लगे थे। लोग कह रहे थे की कोई पानी पिला दो नहीं तो मर जाएंगे, तभी दोपहर 3:30 बजे वायुसेना का हेलिकॉप्टर आया और रेस्क्यू का काम शुरू कर दिया। इसके बाद सभी की सांस में सांस आई। जवानों ने सारे कदम गंभीरता के साथ उठाए और सभी को सुरक्षित निकाल लिया, इसी बीच एक युवक फिसल कर गिर गया जिसकी मौके पर मौत हो गई। जो लोग सही सलामत वापस आ गए हैं उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति की जांच चल रही है लोगों का कहना है कि अब वह रोपवे पर कभी नहीं जाएंगे। बाबा बासुकीनाथ की कृपा की वजह से सभी लोग बच गए हैं। वही कौशल्या देवी का कहना है कि अब इस तरह इंजॉय नहीं करेंगी -जान पर खेलकर मनोरंजन करना सही बात नहीं है।