सतर्क रहें! देश में आने वाला है बिजली संकट, कई पावर प्लांट्स में कोयले की कमी- जानें संकट की 5 बड़ी वजह..

न्यूज डेस्क (शिक्षा मिश्रा): भारत में बिजली उत्पादन के लिए अगर सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है तो वो है, कोयला.. पर ऊर्जा मंत्रालय की यह रिपोर्ट आपकी जेब ढीली करवा सकती हैं।ऐसा हम इसलिए कह रहे है। क्योंकी ऊर्जा मंत्रालय के ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कोयले पर आधारित बिजली उत्पादन केंद्रों में कोयले का स्टॉक अब लिमिटेड हो चुका है। देश में 70 फीसदी बिजली उत्पादन केंद्र कोयले से करती है। और इसका स्टॉक खत्म होने से दो प्रभाव पड़ते हैं एक यह की बिजली के उत्पादन में कमी हो जाएगी और दूसरा यह की स्टॉक कम होने की वजह से बिजली के दाम में बढ़ोतरी होगी जिसका सीधा असर आम आदमी पर परेगा।

आखिर क्यों हुई कोयले की कमी?: मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कोयले से चलने वाले 135 पावर प्लांट्स में, आधे से ज्यादा प्लांट में सितंबर के आखिरी दिनों में औसतन चार दिन का कोयला ही बचा था। वही, 16 प्लांट में तो कोयला भी नहीं बचा था जिससे कि बिजली बनाई जा सके। वही अगस्त की शुरुआत में इन प्लांट्स के पास औसतन 17 दिनों का कोयला भंडार था। आपको बता दे की कोयले की इतनी कमी बरसों में नहीं देखी गई। पर आखिर देश के इन पॉवर प्लांट में कमी कैसे आई।

Bijli Maintence
काल्पनिक तस्वीरें

इसका प्रमुख कारण यह है: बता दे की कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कीमतें बढ़ी हैं।और स्थानीय कोयले की मांग में भी काफी इजाफा हो गया है। वही बिजली की मांग भी बढ़ने से कोयले की मांग मे बढ़ोतरी हुई है, और इसका सबसे बड़ा कारण कहा जा सकता है कि अप्रैल-मई में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर के चलते आए व्यवधान के बाद बढ़ी मांग के चलते ऐसा भी ऐसा हाल हुआ है। भारत में कुछ राज्य जैसे- महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश की कोयला कंपनियों के भारी बकाया के पुराने मुद्दे भी चल रहे थे। बिजली की दैनिक खपत प्रति दिन 4 अरब यूनिट से अधिक हो गई है और 65-70 प्रतिशत मांग कोयले से चलने वाली बिजली उत्पादन से ही पूरी हो रही है, जिससे कोयले पर निर्भरता बढ़ती जा रही है और कोयला कम होते जा रहा है।

Bijli Gul
काल्पनिक तस्वीरें

मंत्रालय ने किए कई बैठक: इस बारे में 12 अप्रैल से लेकर 9 सितंबर के बीच मंत्री लेवल की कई बैठक पहले ही हो चुकी है। वही पावर प्लांट में कोयले की समस्या दूर करने को लेकर कई सुझाव दिए गए हैं। कोल इंडिया लिमिटेड को प्रोडक्शन बढ़ाने और कोयले का उठाव बढ़ाने से संबंधित कई सुझाव दिए गए हैं, लेकिन अब तक कंपनी ने उन पर कोई अमल नहीं किया है। मंत्रालय अब भी इस पर विचार कर रही है। वही ऊर्जा मंत्रालय की मानें तो यदि वक्त पर कोयला उपलब्ध नहीं हुआ तो देश में बड़ा बिजली संकट खड़ा हो सकता है।