डेस्क : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार सार्वजनिक मंचों से यह बात कह चुके हैं कि उनके व्यक्तित्व निर्माण में सबसे ज्यादा योगदान उनकी मां हीराबेन मोदी का ही रहा है. इसी साल उनके 100वें जन्मदिन पर समर्पित ब्लॉग में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा था कि मां की तपस्या बच्चों को बेहतर इंसान बनाती हैं. प्रधानमंत्री मोदी और उनके बहन-भाइयों के सिर से बचपन में ही पिता का साया भी उठ चुका था. ऐसे में मां ने गरीबी और अभावों के बीच अपने बच्चों को पाला.
प्रधानमंत्री मोदी यह बता चुके हैं कि उन्हें मां से ही संस्कार मिले. एक साक्षात्कार में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी मां हीराबेन उनके जीवन का स्तंभ रहीं और उनकी सफलता में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जब वो पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तो उनकी मां ने उन्हें कभी रिश्वत न लेने की सलाह भी दी थी. प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी कही कोई बात नहीं उठाई.
नरेंद्र मोदी की माँ हीराबेन मोदी की शादी बेहद कम उम्र में हो गई थी. दामोदरदास मूलचंद मोदी से, जो कि मेहसाणा के वडनगर में एक चाय की दुकान चलाते थे. उनके गुजरने के बाद 5 बेटों और 1 बेटी के पालन-पोषण का जिम्मा हीराबेन के सिर आ गया. मुफलिसी के बीच दूसरों के घरों में काम करते हुए भी उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया. प्रधानमंत्री माेदी थोड़े बड़े हुए तो उनकी मां की इस जिम्मेदारी में उन्होंने हाथ भी बंटाया.