गर्व! बेटे के टयूशन फीस के लिए पालतू पशु बेचे, मज़दूरी की, आज बेटा बन गया SDM..

डेस्क : फिल्म केजीएफ के चैप्टर टू में एक संवाद है जो कि काफी प्रसिद्ध हुआ था संवाद इस प्रकार है, ‘ मां से बड़ा योद्धा इस दुनिया में कोई भी नहीं’ यह संवाद सिर्फ संवाद ही नही अपने आप मे एक अर्थ हैं।

KGF 2 का यह संवाद राजस्थान की रहने वाली शांति देवी पर फिट बैठता हैं, शांति देवी कभी खुद स्कूल नही गयी है, शिक्षा से उनका कोई रिश्ता नाता न होने के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए खूब प्रेरित किया, उनकी पढ़ाई के लिए मेहनत मजदूरी की लेकिन अपने बच्चों के शिक्षा में किसी प्रकार की कमी नही होने दी,उनकी इस मेहनत त्याग, संघर्ष की ही बदौलत उनका एक बेटा आज राजस्थान में SDM है और आज शांति देवी एक SDM की मां कहलाती हैं।

बच्चो की पढ़ाई के लिए मजदूरी की: शांति देवी खुद शिक्षित नही है लेकिन शिक्षा का अर्थ समझती है, गरीबी और आर्थिक अभाव में भी उन्होंने शिक्षा के लिए बच्चों को पैसे की कमी नही होने दी, उन्होंने मेहनत मजदूरी करके अपने बेटे की पढ़ाई का पूरा खर्चा भी उठाया,शांति देवी अक्सर अपने बेटे से यही कहा करती थी कि एक बार तुम पढ़ लिख कर किसी काबिल हो जाओ तो मुझे मेहनत मजदूरी नही करनी पड़ेगी, उनके बेटे ने उनकी बात रखी और आज शांति देवी एक SDM की मां कहलाती हैं। शांति देवी के सभी लड़के आज एक सफल पायदान पर खड़े है जो कि एक माँ के लिए बड़े गर्व की बात हैं।