हर तरफ Electric Vehicle में आग लगने की घटनाओं को देखकर सरकार एक्शन के मूड में- लिया बड़ा फैसला

डेस्क : इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर ( Electric Vehicle) में आग लगने की कई घटनाओं के बाद रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे सेक्रेटरी गिरिधर अरमाने ने रविवार को कहा कि प्रत्येक घटना की जांच कराई जाएगी। इसके साथ की उन्होंने कहा कि इंडियन इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री ‘हमारी कल्पना’ से कहीं आगे जाएगी। अरमाने ने कहा कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्र की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन स्कीम के तहत वित्त वर्ष 2021-22 में लगभग 21,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों का मोनेटाइजिशन किया है।

उन्होंने कहा, ”इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लगने की हर घटना की जांच की जाएगी।” हाल ही में इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लगने के कई हादसे हुए हैं। इन घटनाओं में कई लोगों की मौत हुई है। यह पूछे जाने पर कि क्या बैटरी में आग लगने की घटनाओं की वजह से ईवी क्षेत्र में भारत के अगुवा बनने के प्रयासों पर असर पड़ेगा, अरमाने ने कहा कि ऐसा जरूरी नहीं है। लेकिन कंपनियों को जल्द सेफ्टी प्रोटोकॉल लागू करने होंगे और क्वालिटी कंट्रोल और क्वालिटी सिस्टम स्थापित करना होगा। उन्होंने कहा, ”इंडियन इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री हमारी कल्पना से कहीं ज्यादा डेवल्प होने के साथ आगे बढ़ रहा है।” अरमाने ने कहा कि इस मामले की जांच करने वाली कमेटी ने अभी अपनी रिपोर्ट नहीं दी है।

उन्होंने कहा कि बैटरी और इलेक्ट्रिक व्हीकल से संबंधित सभी समस्याओं खरीदारी, डिजाइन, मैनेजमेंट, ऑपरेशन और मैन्युफैक्चरिंग की जांच की जाएगी। इसके बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी। हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि लापरवाही करने वाली कंपनियों को दंडित किया जाएगा और कमैटी द्वारा अपनी रिपोर्ट देने के बाद सभी खराब व्हीकल को वापस बुलाने का आदेश दिया जाएगा। ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर में पुणे में आग लगने की घटना के जांच के आदेश पिछले महीने दिए जा चुके हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार उन परिस्थितियों की जांच करने के लिए कहा गया है जिनके कारण ये घटनाएं हुई हैं।

सीफीस इस बारे में अपनी सिफारिशें भी देगा। अभी तक प्योर ईवी के एक स्कूटर, ओला के एक, ओकिनावा के दो, जितेंद्र ईवी के 20 स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं हुई हैं। संपत्तियों को बाजार में चढ़ाने से संबंधित सवाल पर अरमाने ने कहा, ”पिछले साल (2021-22 वित्त वर्ष) में हमने एसेट मोनेटाइजेशन के जरिये 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई।