जज्बा! सिक्योरिटी गार्ड ने किया NET Exam क्वालीफाई, 8 घंटे नौकरी के बाद की थी तैयारी…

डेस्क : “कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता..एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों…रांची के रहने वाले अमरेन सेठ ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। वह सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते हैं। नौकरी करते हुए उन्होंने यूजीसी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा में अपने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की है।

आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद अमरेन सेठ ने हिम्मत नहीं हारी। अपनी मंजिल की ओर सीढ़ी दर सीढ़ी बढ़ते चले गए। अंत में उन्हें सफलता मिली। अब अमरेन सेठ को प्रतिमाह 32 हजार रुपये फैलोशिप मिल रहा है। इतना ही नहीं उनका चयन जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए भी किया गया है। अमरेन सेठ की इस सफलता से उनके गुरुजन व स्वजन में हर्ष है।

अमरेन सेठ का कहना है कि “उन्हें बचपन से ही उच्च शिक्षा हासिल करने की तमन्ना थी। इस दिशा में लगातार प्रयासरत रहे। गुरुजन व मां सबरी देवी और पिता गया प्रसाद सेठ के आशीर्वाद से सफलता मिल गई। अब रिसर्च स्कालर के तौर पर आगे की पढ़ाई जारी रखेंगे। बहरहाल, अमरेन सेठ वैसे छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं, जो आर्थिक कारणों व संसाधनों की कमी का हवाला देकर अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं। अमरेन सेठ कहते हैं कि “वे उसके इलाके में पठन पाठन की कुछ खास सुविधा उपलब्ध नहीं थी। लिहाजा, उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए रांची आना पड़ा।

यहां आकर रहने और खाने की समस्या आड़े आने लगी तो उपार्जन के लिए बरियातु के एक अपार्टमेंट में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर ली। यहां आठ घंटे की ड्यूटी करने के बाद माह के अंत में जो सैलेरी मिलती है, उसी से पढ़ाई के साथ-साथ रहने और भोजन का खर्चा भी निकल जाता है। बता दें कि अमरेन अपने गांव सोनाहातू स्थित राज्य संपोषित हाइस्कूल से 10वीं कक्षा में 68% अंक के साथ पास हुए थे। एमसीएम इंटर कालेज बारुडीह से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। जिसमें 47.5% अंक मिले थे। पीपीके कालेज बुंडू से स्नातक में 54% अंक मिले। इसके बाद पीजी करने के लिए आरयू पीजी हिंदी विभाग में दाखिला लिया, जहां इन्हें 74.31 प्रतिशत अंक मिले। अमरेन के पिता गया प्रसाद सेठ कृषक हैं जबकि मां सबरी देवी गृहिणी हैं।