गर्व! गरीब मजदूर ने पेश की मिसाल- बकरियां बेचकर स्कूल बनवाने के लिए दिए 2.5 लाख का दान…

डेस्क : इस कलयुग की दुनिया में आपको तरह तरह के लोग देखने को मिले होंगे कोई पैसे से अमीर है तो कोई अपने व्यवहार से आज की दुनिया में खुद खुद के दुख को ताक पर रखकर दूसरे के दुख को पहले रखने वाले लोग बेहद कम ही होंगे आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने वाले हैं जो व्यक्ति पैसे से नहीं बल्कि दिल से अमीर है और यकीन मानिए दिल से अमीरी के मामले में इसका मुकाबला कोई भी नहीं कर सकता है

यह कहानी है उत्तराखंड के रहने वाले बागेश्वर के रहने वाले ईश्वरी लाल शाह की, पैसे से ईश्वरी लालसा एक मजदूर है उन्होंने दिन-रात मजदूरी करके ढाई लाख रुपए जमा किए थे यह ढाई लाख रुपए उन्होंने एक स्कूल को दान में दे दिए ताकि उनकी बेटी की शिक्षा दीक्षा ठीक तरीके से हो सके और इलाके के बच्चे भी अच्छी शिक्षा अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा पा सके,

दर्शन ईश्वरी लालसा 15 साल बाद अपने गांव लौटे ताकि अपने माता-पिता की आखिरी समय में वह उनकी सेवा कर सके और घर पर ही कुछ काम धंधा भी शुरू कर सके इसी के बाद उन्होंने मजदूरी करनी शुरू कर दी और पास के ही एक सरकारी हाई स्कूल के पास अपनी बकरियां चराने लगे, जूनियर हाई स्कूल करेली में चारदीवारी नहीं थी जिसकी वजह से आवारा पशु और जानवर जाके गंदगी मचाते थे गंदगी फैलाते थे स्कूल के खेल के मैदान की भी हालत ठीक नहीं थी ईश्वरी लाल शाह ने इस चीज को अनुभव किया और करेली के जूनियर हाई स्कूल के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा ठान लिया

इसके बाद उन्होंने अपनी बकरियों को ढाई लाख रुपए में बेचकर पूरे ढाई लाख रुपए स्कूल के लिए दान कर दिए ताकि स्कूल में चारदीवारी का निर्माण हो सके खेल का मैदान दुरुस्त हो चुके और बाकी चीजें भी ठीक प्रकार से व्यवस्थित रहे ताकि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल का भी ज्ञान स्कूल से मिल सके, ईश्वरी लालसा भले ही आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब है लेकिन हुए दिल के बहुत अमीर है उनके स्तर पर कोई भी अमीर व्यक्ति नहीं पहुंच सकता जब तक वह पूरी तरीके से समाज के प्रति ईमानदार ना हो ईश्वरी लालसा का यह कदम उनकी निष्ठा और समाज के प्रति ईमानदारी को दर्शाता है