केंद्र सरकार पर जमकर बरसे SAD के नेता सुखबीर सिंह बादल, बोले-नाखुश रहने वालो को देशद्रोही बोलती है सरकार

डेस्क : भारत सरकार के द्वारा तीन कृषि कानूनों पर बात सुलझती नहीं दिख रही है। एक तरफ किसान यूनियन के नेता अपनी मांग पर डटे हुए हैं और दूसरी और भारत सरकार ने भी पूरा जोर लगा रखा है कि वह किसी भी कीमत पर इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी।

किसानों की ओर से पिछले 17 दिनों से संघर्ष जारी है इस दौरान उन्होंने दिल्ली जाने वाले सभी रास्तों को जाम कर रखा है साथ ही वह हर जरूरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं जहां से दिल्ली की ओर रुख किया जाता है चाहे वह हरियाणा से हो ,जयपुर से हो, उत्तर प्रदेश से हो।

दूसरी ओर बात करें तो यहां पर ज्यादातर किसान संपन्न किसान हैं जो कि पंजाब से हैं और उसके बाद हरियाणा से। ऐसे में श्रीमणि अकाली दल के नेता सुखविंदर सिंह कहना है कि जो भी सरकार से खुश नहीं रहता उसको सरकार देशद्रोही बोल देती है। जब कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है बल्कि किसानों का संबंध किसी धर्म और जाति से नहीं है बल्कि यह तो अन्नदाता है। हमें खालिस्तानी कहकर बदनाम किया जा रहा है और दूर व्यवहार हो रहा है इससे हम बिलकुल सहमत नहीं हैं। ऐसे में जो भी लोग हमें इस तरह से बुला रहे हैं उनको आगे आकर सभी किसान भाइयों से माफी मांगनी चाहिए।

रेलवे खाद और उपभोक्ता मंत्री पीयूष गोयल का कुछ ही दिन पहले बयान आया था। जिसमें वह कहते नजर आए थे कि कृषि आंदोलन को किसी दल ने संभालना चालू कर दिया है। जिसमें माओवादी और वामपंथी लोग घुस चुके हैं। ऐसे में मैं आपको साफ बता देना चाहता हूं कि किसी भी तरह की वामपंथी गतिविधि और माओवादी गतिविधि हमारे कृषि आंदोलन को नहीं प्राप्त है। हमारा एजेंडा बिल्कुल साफ है कि इस तरह के तीन कानून जिससे किसान की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई उनको वापस ले लिया जाए। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने सभी बॉर्डर पर अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है साथ ही सुरक्षा के सभी इंतजाम बेहतरीन स्तर पर कर लिया हैं।