डेस्क : “रसगुल्ला” यह नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। अगर आप यह लेख पढ़ रहे हैं तो आपके मुंह में भी जरूर पानी आ गया होगा। क्योंकि यह नाम सुनने में जितना मनमोहक है उससे कहीं ज्यादा खाने में मजा आता है। अब आप लोग सोच रहे होंगे आखिर आज हम इस लेख के माध्यम से रसगुल्ला का बखान क्यों कर रहे हैं? दरअसल यह रसगुल्ला भारतीय रेलवे के लिए सिरदर्द बन गया। बिहार के लखीसराय (Lakhisarai) के बड़हिया रेलवे स्टेशन (Barhiya Railway station ) पर 10 ट्रेनों को रोकने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने लगभग 40 घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने रेलवे ट्रैक पर टेंट लगाकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जिससे 40 घंटे तक ट्रेनों की आवाजाही ठप रही। करीब एक दर्जन ट्रेनों को कैंसल करना पड़ा। 100 से अधिक ट्रेनों को डायवर्ट किया गया। जिससे यात्रियों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। दरअसल हुआ यूं कि बड़हिया का रसगुल्ला पूरे देश भर में मशहूर हैं। इसका स्वाद इतना बेहतरीन है कि आप देखते ही अपने मन को रोक नहीं पाएंगे। इसे खाने के लिए बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं। इसकी इतनी ज्यादा मांग है आसपास के राज्यों में सप्लाई की जाती है। शादी विवाह, या किसी खास आयोजन में लोग मेहमानों को खिलाने के लिए इन रसगुल्लों को खरीदने आते हैं।
स्थानीय लोगों की मानें तो शहर में 200 से अधिक दुकानें हैं। यहां हर दिन सैकड़ों रसगुल्ले बनाए जाते हैं। ट्रेनों के नहीं रुकने से यह बिजनेस बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। कई राज्यों में इसकी सप्लाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में मिठाई कारोबारियों ने स्टेशन पर ट्रेनें रोककर विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों का कहना कि इस स्टेशन पर फिलहाल कोई ट्रेन नहीं रुकने से कारोबार पर असर पड़ा है।
वही, इस पूरे मामले में लखीसराय के जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पर पटरियों पर बैठ गए और कई एक्सप्रेस ट्रेनों को रुकाने की मांग की गई। यहां विरोध प्रदर्शन किया गया। लोग ट्रैक पर ही टेंट लगाकर बैठ गए। फिलहाल इस पूरे मामले में रेलवे ने जब लिखित में एक एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव देने का आश्वासन दिया गया। तब जाकर विरोध प्रदर्शन बंद हुआ।