कंफर्म टिकट के बावजूद भी Train में नहीं मिली सीट, अब रेलवे देगा 1 लाख का हर्जाना, जानिए- कैसे?

डेस्क : रेलवे में शिकायत करने पर बुजुर्ग को न्याय मिला। दरअसल 2008 में एक बुजुर्ग यात्री के रिजर्वेशन (Train Berth Reservation) टिकट होने के बाद भी सीट नहीं देने पर रेलवे (Railway) को लगा जुर्माना। बतादें कि उपभोक्ता आयोग के द्वारा रेलवे को पीड़ित यात्री को 1 लाख रुपये मुआवजे देने का आदेश दिया है।

14 साल पुराना है मामला : दिल्ली के दक्षिण जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने इंदर नाथ झा की शिकायत पर पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को यह जुर्माना देने का आदेश दिया है। मालूम हो कि यात्री ने 2008 के फरवरी माह में दरभंगा से दिल्ली के लिए टिकट कन्फर्म ली थी, परंतु रिजर्वेशन के बाद भी उन्हें सीट नहीं दी गई। जिसके बाद उन्होंने शिकायत दर्ज करवाया।

सीट अपग्रडे की कही बात : इंद्रा नाथ झा के शिकायत के अनुसार, अधिकारियों ने उनकी की टिकट किसी के हाथों बेच दिया गया था। यात्रा के दौरान सीट ना मिलने पर जब उन्होंने टीटीई को बताया तो उसने बताया कि स्लीपर क्लास से उनकी बर्थ एसी क्लास में अपग्रेड कर दी गई है। परंतु ऐसी में जाने के बाद भी उन्हें कोई सीट नही दिया गया। जिस वजह से झा को खड़े-खड़े दिल्ली तक का यात्रा करना पड़ा। मामला यह है कि बिहार के पैसेंजर इंद्र नाथ झा को रिजर्वेशन होते हुए भी ट्रेन में सीट नहीं दी गई थी। इस वजह से बुजुर्ग यात्री को दरभंगा से दिल्ली तक पूरी यात्रा खड़े-खड़े गुजारनी पड़ी थी।

रेलवे ने गलती नहीं किया था स्वीकार : रेलवे ने अपनी गलती छुपाते हुए कहा कि इसमें रेल की गलती नहीं थी। रेलवे अधिकारियों आयोग को दलील देते हुए कहा कि झा ने बोर्डिंग पॉइंट पर ट्रेन ना पकड़ कर पांच घंटे लेट एक स्टेशन पर ट्रेन पकड़ी थी। उनका दलील यह था टीटीई सीट खाली देख नियमों के अनुसार यह बर्थ वेटिंग पैसेंजर को दे दी। परंतु आयोग ने रेलवे की लापरवाही बताते हुए इस दलील को मानने से इनकार कर दिया। यह जानकारी पाठकों की डिमांड पर तैयार करके दी जा रही है इसका किसी व्यक्ति विशेष से कोई संबंध नहीं है।