जल्‍दी ही देश में दौड़ेंगी प्राइवेट ट्रेनें!, रेलवे ने शुरू की तैयारी : जानिए और क्या कुछ नया होने वाला है

डेस्क : केंद्र सरकार निजी क्षेत्र की भागीदारी में यात्री ट्रेन के संचालन की योजना बना रही है। रेल मंत्रालय के मुताबिक देशभर में 12 कलस्टर में 109 जोड़ी प्राइवेट ट्रेनें चलाई जाएगी, हर निजी ट्रेन में कम से कम 16 डिब्बे होंगे यह ट्रेनें में अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। इस परियोजना में करीब 30 हजार करोड़ रुपए का निजी क्षेत्र का निवेश होगा।

इसके लिए रेल मंत्रालय ने निजी क्षेत्र की कंपनियां यात्री ट्रेनों के संचालन के लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन मांगा है। रेल मंत्रालय के मुताबिक देशभर में रेलवे नेटवर्क को 12 क्लस्टर में बांटा गया है इस परियोजना में भारतीय रेलवे नेटवर्क पर पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के लिए निजी निवेश की पहल है। इस पर योजना में करीब 30,000 करोड़ रुपए का निजी क्षेत्र का निवेश होगा।

हर ट्रेन में कम से कम 16 डिब्बे सरकारी सूचना के मुताबिक इस पहल का मकसद मॉडर्न टेक्नोलॉजी रोलिंग स्टॉक को रेलवे नेटवर्क में पेश करने के साथ ही कम रख-रखाव, ज्यादा रफ्तार, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है यात्रियों को सुरक्षा देना, विश्वस्तरीय कराना इसका मकसद होगा। हर निजी ट्रेन में कम से कम 16 डिब्बे होंगे और यह अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। इन ट्रेनों का रोलिंग स्टॉक निजी कंपनी खरीदेगी। मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी उसी कंपनी की होगी यह ट्रेन अधिकतर मेक इन इंडिया के तहत भारत में बनाई जाएगी।

ट्रेन की रफ्तार के कारण समय में होगी बचत निजी भागीदारी में चलाई जाने वाली इन ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा होने से यात्रा के समय में काफी बचत होगी। इन ट्रेनों की रफ्तार की तुलना उसी रूट पर चलने वाली भारतीय रेल की ओर से संचालित किसी भी सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेन से होगी। रेल मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक इन ट्रेनों के जरिए यात्रियों के मुकाबले ट्रेनों की संख्या कम की भरपाई भी हो जाएगी। निजी क्षेत्र के लिए इस परियोजना की रियायत अवधि 35 साल की होगी।