UPI payment : बदलते समय के साथ ही यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payment Interface) यानी UPI आम लोगों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा भी बन चुका है. आजकल ज्यादातर लोग हर छोटी बड़ी खरीदारी के लिए UPI के जरिए पेमेंट (UPI Payment) करना पसंद करते हैं. ऐसे में अब UPI को संचालित करने वाला नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 24 मार्च, 2023 को जारी किए गए एक सर्कुलर में कहा है कि यूपीआई से मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) फीस भी लागू किया जाएगा.
इस नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट जैसे मोबाइल वॉलेट के जरिए व्यापारियों को 2,000 रुपये से अधिक के पैसों ट्रांसफर भी करता है तो ऐसी स्थिति में इसे इंटरचेंज फीस भी देनी होगा. इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि PPI के अंतर्गत कार्ड और वॉलेट आता है.
कितनी देनी होगी इंटरचेंज की फीस : इकोनॉमिक टाइम्स में छपी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक NPCI के सर्कुलर में 2,000 रुपये से अधिक के ट्रांजेक्शन पर ही यह इंटरचेंज फीस भी वसूला जाएगा. यह फीस आमतौर पर 2,000 रुपये से अधिक की राशि का कुल 1.1 फीसदी होगा. गौरतलब है कि एनपीसीआई (NPCI) ने अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग इंटरचेंज फीस भी तय की है. कृषि और टेलीकॉम क्षेत्र में सबसे कम इंटरचेंज फीस भी वसूला जाएगा. यह चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को ही देना ही पड़ेगा.
किस पर नहीं लगेगा इंटरचेंज की फीस : नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (NPCI) के सर्कुलर के अनुसार बैंक अकाउंट और PPI वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी तरह का ट्रांजैक्शन पर कोई भी शुल्क नहीं देना होगा. इस नए नियम को 1 अप्रैल से लागू करने के बाद NPCI इसका समीक्षा 30 सितंबर, 2023 से पहले ही करेगा.