अमेरिका हिंसा पर पीएम मोदी का बड़ा ब्यान : लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैरकानूनी तरीके से प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता

डेस्क : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 2020 के नतीजों पर जोरदार सियासी खिंचतान मची हुई है। जारी सियासी खीचतान ने अब हिंसक रूप ले लिया है। मालूम हो कि देर रात अमेरिकी संसद में जमकर हंगामा और हिंसा हुई। वहीं, दुनिया के सबसे शक्तिशाली कहे जाने वाले देश अमेरिका में हुई इस घटना की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है। विश्व भर से निन्दतामक आलोचनाएं आ रही है। वही, वाशिंगटन डीसी में हुई हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने कहा है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैरकानूनी तरीके से प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता। पीएम मोदी ने इस संबंध में ट्विट किया है।

पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा है कि, “वाशिंगटन डीसी में दंगों और हिंसा की खबरें देखकर काफी व्यथित हूं। शक्ति का क्रमिक और शांतिपूर्ण हस्तांतरण जारी रहना चाहिए। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैरकानूनी विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से विकृत नहीं होने दिया जा सकता है।” वहीं अमेरिका के नए चुने गए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कैपिटोल बिल्डिंग पर हुए हंगामे को राजद्रोह करार दिया है। जो बाइडेन ने अपने बयान में कहा, ”यह कोई विरोध नहीं है, यह एक विद्रोह है।” बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप से हंगामा खत्म करने की अपील करने के लिए भी कहा। बाइडेन ने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आह्वान करता हूं कि वह अपनी शपथ पूरी करें और इस घेराबंदी को खत्म करने की मांग करें।’ बाइडेन ने आगे कहा, ‘मैं साफ कर दूं कि कैपिटोल बिल्डिंग पर जो हंगामा हमने देखा हम वैसे नहीं हैं। ये वह लोग हैं, जो कानून को नहीं मानते हैं।’

इस बीच खबर आ रही है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को 5वें संविधान संशोधन के जरिए आज ही हटाया जा सकता है। अमेरिका के अटॉर्नी जनरल ने उपराष्ट्पति माइक पेंस से कहा है कि 25वें संविधान संशोधन के जरिए ट्रंप को हटाने की प्रक्रिया आज ही शुरू की जाए। गौरतलब हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी हार स्वीकार करने को कतई तैयार नही हैं। जिस वजह से अमेरिकी संसद में देर रात को ट्रंप समर्थक कैपिटोल बिल्डिंग में घुस गए और हंगामा करने लगे। कैपिटोल परिसर के बाहर निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पुलिस के बीच हिंसक झड़प भी हुई, जिसके बाद परिसर को ‘लॉकडाउन’ कर दिया गया। समर्थकों को रोकने और सांसदों को बचाने के लिए सुरक्षाकर्मियों को बंदूक भी निकालनी पड़ी। पूरी घटना में एक प्रदर्शनकारी की गोली लगने से मौत हो गई है।वही भीड़ पर काबू पाने के लिए मजबूरन पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।