जानिए अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन कराने वाले पंडित जी ने प्रधानमंत्री मोदी से क्या मांगी दक्षिणा

डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न कराया। इन्होंने हनुमानगढ़ी में भगवान बजरंगबली और रामलला के दर्शन के बाद भूमि पूजन का अनुष्ठान किया। सीएम योगी आदित्यनाथ,राज्यपाल आनंद बेन पटेल और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सामने मोदी से अनुष्ठान करा रहे पंडित जी भी इस ऐतिहासिक पर को लेकर काफी खुश थे.

इस दौरान पुरोहित ने कहा कि किसी भी यज्ञ में दक्षिणा का काफी महत्व महत्व होता है.पंडित जी ने बताया कि यज्ञ की पत्नी का नाम दक्षिणा है, यज्ञ रूपी पुरुष और दक्षिण रूपी पत्नी के सहयोग से एक पुत्र की उत्पत्ति होती है जिसका नाम फल है।पंडित जी ने आगे कहा कि, ‘दक्षिणा तो इतनी दे दी गई है कि अरबों आशीर्वाद इनको प्राप्त होंगे, भारत हमारा ही है, उससे ऊपर और कुछ दे, कुछ समस्याएं हैं,उन समस्याओं को दूर करने का संकल्प तो लिए हुए हैं, 5 अगस्त में कुछ और जुड़ जाएं तो भगवान ही कृपा होगी।’

Ram Mandir Bhumi Poojan

आगे पंडित जी ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि इस तरह के जजमान मिले हैं,शायद उनका जन्म ही इसी काम के वजह से हुआ है। इस दौरान पीएम मोदी ने पारंपरिक धोती कुर्ता पहने थे,हनुमानगढी मंदिर के मुख्य पुजारी ने मोदी को एक पटका भेंट किया।मंदिर में कुछ देर पूजा अर्चना करने के बाद मोदी राम जन्म भूमि क्षेत्र रवाना हो गए और वहां पहुंच कर उन्होंने भगवान राम को दंडवत प्रणाम किया और वहां पारिजात का पौधा लगाया।

400 क्विंटल फूलों से सजाया गया अयोध्या इस कार्यक्रम के दौरान अयोध्या को 400 क्विंटल फूलों से सजाया गया. थाईलैंड से आर्किड, तो बेंगलुरु से अपराजिता के फूल मंगाए गए,नारंगी और लाल रंग के डबल टोंड गेंदा के फूल कोलकाता से मंगाए गए.

सोशल डिस्टेंसिंग का हुआ पालन इस कार्यक्रम में शामिल हुए मेहमानों के बैठने का इंतजाम भी सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए किया गया था. इसमें खास बात यह रही कि भूमि पूजन उत्सव उस जगह पर किया गया था जहां रामलला विराजमान थे। पीएम मोदी ने नौ शिलाओं को रखकर राम जन्मभूमि मंदिर की आधारशिला रखी, इस ऐतिहासिक पल के गवाह करीब डेढ़ सौ साधू संत बने।