भारत में बर्ड फ्लू से फैली दहशत, कोरोना से 3 गुना ज्यादा संक्रमण दर्ज, 50 फीसदी ज्यादा मृत्युदर

डेस्क : कोरोना वायरस की मुसीबत अभी गई भी नहीं है कि एक और मुसीबत ने सबको परेशान कर रखा है। आपको बता दें की यह परेशानी नए वायरस से हो रही है। इस वायरस का नाम एवियन वायरस है। बता दें कि इस वक्त देश के कई राज्यों में अनेकों पक्षी मर रहे हैं। जो पक्षी विदेश से आकर यहां प्रजनन करते हैं उनकी भी मौत हो रही है।

कई इलाकों में एक झोके में हजार से ऊपर पक्षी मर रहे हैं। इसके चलते केरला में भी अनेकों पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों को जिंदा मार दिया गया है, ताकि वायरस ना फैले। देश के कुछ मुख्य राज्य जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरला और हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू की शिकायत काफी ज्यादा बढ़ गई है। केंद्र सरकार की ओर से भी एक कंट्रोल रूम गठित किया गया है जो कि निगरानी रखेगा इस तरह के मामलों पर। बताया जा रहा है कि करोना के मुकाबले यहां 3 गुना ताकतवर है और इसका प्रभाव करोना से ज्यादा होता है। कुछ खतरनाक वायरस के नाम इस प्रकार है। H5N1, H7N3, H7N7, H7N9 और H9N2, यह बर्ड फ्लू पक्षियों के जरिए ही इंसानों में फैलता है। इन वायरसों को HPAI (Highly Pathogenic Avian Influenza) कहते हैं।

पक्षियों में यह वायरस कबूतर और मुर्गियों में आसानी से पाया जाता है। इसका संक्रमण देश-विदेश एवं गांव के इलाकों में बहुत तेजी से होता है। इसलिए खास तौर पर यह निर्देश दिए गए हैं कि जितनी भी पक्षी मौजूद हैं उनको जल्द से जल्द खत्म कर दिया जाए। ताकि उस से 4 से 5 किलोमीटर दूर तक यह संक्रमण फैल सके। यह बीमारी 1997 में हांगकांग से शुरू हुई थी और 2005 तक यह भारत में घुस चुकी थी। इसका सबसे खतरनाक वायरस H5N1 वायरस माना जाता है।

जिन पक्षियों में H5N1 वायरस आ जाता है वह 10 दिन के भीतर मल या लार के जरिए वायरस को निकालते हैं। अगर यह मल या लार किसी अन्य पक्षी पर लग जाए तो उसको भी यह वायरस जकड़ लेता है लेकिन दिशा निर्देशों के मुताबिक अगर ऐसे संक्रमित पक्षी को पकाकर खाया जाए या उसके अंडे को एक उचित तापमान पर पकाया जाए तो यह वायरस खत्म हो जाता है। हालांकि, फिर भी इस पर रोक जारी है और किसी भी प्रकार से बर्ड फ्लू पर ढिलाई नहीं बरती जा रही है क्योंकि अगर यह वायरस भी करोना वायरस की तरह म्यूटेट हो गया और उसने अपना एक बड़ा रूप ले लिया तो जल्द ही इंसानों में भी फैल सकता है।