Pm Modi Uttarakhand Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड दौरे पर थे तभी नेपाल में कुछ खलबली सा देखने को मिला. अब नेपाल प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर तिलमिला उठा है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कलापानी के पास गुंजी दौरे पर नेपाल में विपक्ष लगातार सत्ताधारी से सवाल पर सवाल पूछे जा रहा है.
इधर नेपाल के एक विपक्षी दल ने दावा करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल के बिना किसी अधिकारियों के सूचना के क्षेत्र में आए और इसका सवाल विपक्षी दल की ओर से पूछा जा रहा है कि आखिर ऐसा कैसे हुआ?
विपक्षियों दलों के इन नेताओं ने किया दावा
बता दें कि, प्रधानमंत्री के इस दौर को लेकर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिन वादी से ठाकुर प्रसाद गैरी और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के दीपक कुमार के अलावा राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के रवि लामिछाने के साथ-साथ नेपाली सांसदों ने दावा किया कि कालापानी का यह क्षेत्र नेपाल के अंदर आता है और बिना अनुमति के प्रधानमंत्री का यात्रा कैसे हो सकता है. यह राजनयिक परंपराओं का उल्लंघन है.
गुंजी क्षेत्र पर नेपाल-भारत क्यों ?
दरअसल, भारत और नेपाल सीमा पर कालापानी लिंपियाधुरा और लिपुलेख दोनों देश के आधिकारिक मानचित्र आदर्श गए हैं. हालांकि, यह भारत प्रशासन के अधीन माना जाता है. जबकि जून में भारत की यात्रा के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विवाद को सुलझाने के लिए आश्वासन और मांग की थी.
15 हजार फीट की ऊंचाई पर पीएम ने की पूजा-अर्चना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां पहुंचकर समुद्र तल से लगभग 15 हजार फीट ऊंचाई पर मौजूद ज्योति लिंगल क्षेत्र में पहुंचकर पूजा किया. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री का यह कदम एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा जा रहा है और वह क्षेत्र चीन सीमा से काफी नजदीक है. आज देश को आजाद हुए 76 साल पूरी हो चुके हैं लेकिन अभी तक ओम पर्वत और आदि कैलाश पर्वत पर किसी प्रधानमंत्री का कम नहीं पहुंचा है.