डेस्क : अगर आप भी किसी की फोन कॉल को चोरी छुपे रिकॉर्ड कर लेते हैं तो आपको भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। दरअसल, कानून के मुताबिक बिना बताए किसी की कॉल रिकॉर्ड करना निजता का उल्लंघन होगा।
आजकल अक्सर देखा जाता है कि कोई किसी की कॉल रिकॉर्डिंग को सबूत के तौर पर अपने पास रख लेता है। लेकिन हाई कोर्ट ने गुपचुप तरीके से की गई कॉल रिकॉर्डिंग को सबूत मानने से इनकार कर दिया है। यह बात तब उजागर हुआ जब छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भरण-पोषण भत्ते से जुड़े एक मामले में फैसला सुनाते हुए विशेष टिप्पणी की।
गुजारा भत्ता से जुड़ा मामला
दरअसल, मामला गुजारा भत्ते का है। छत्तीसगढ़ फैमिली कोर्ट ने मामले की सुनवाई में गवाह के तौर पर पति से कॉल रिकॉर्डिंग मांगी तो दूसरे पक्ष ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसके बाद हाई कोर्ट ने दूसरे पक्ष के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत बिना पूछे किसी का फोन रिकॉर्ड करना निजता का उल्लंघन है।
कॉल रिकॉर्ड पेश करने का आदेश रद्द
आपको बता दें कि पत्नी ने इस फैसले के खिलाफ 21 अक्टूबर 2021 को कोर्ट में याचिका दायर की थी। उसने अपनी याचिका में कहा था कि उसके पति ने बिना अनुमति के कॉल रिकॉर्ड किया था। जिसे सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
यह उनकी निजता का उल्लंघन है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राकेश मोहन पांडे की एकल पीठ ने कॉल रिकॉर्ड फैमिली कोर्ट में पेश करने के आदेश को रद्द कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि संबंधित व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी फोन पर बातचीत रिकॉर्ड करना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उसके निजता के अधिकार का उल्लंघन है।