दिल्ली के ड्राइविंग टेस्ट में अब कोई नहीं होगा फेल- हो गए ये बड़े बदलाव

डेस्क : राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस की खरीद के लिए मौजूदा नियमों में किए जाने वाले बदलावों को फिलहाल स्थगित कर दिया है। पहले सोमवार से परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए मौजूदा मानदंडों को आसान बनाने का आदेश पारित किया था। पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि शहर में इसके लागू होने से पहले सरकार ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक्स के संशोधित मानदंडों पर फिर से विचार करेगी।

अधिकारियों के मुताबिक, परिवहन विभाग द्वारा गठित एक समिति ने इस मामले की जांच के लिए कुछ संशोधनों की सिफारिश की है। अधिकारी ने बताया कि लोगों के ड्राइविंग टेस्ट में असफल होने के मामले ड्राइविंग से संबंधित नहीं होने वाली अन्य चीजों के कारण बढ़ रहे हैं। उदाहरण के लिए पिछले सर्कल की चौड़ाई जिसके ऊपर दोपहिया वाहन चालकों को सर्पिल मार्ग पर जाना था, यह अन्य दो सर्किलों की तुलना में छोटा था जो सुरक्षा उद्देश्यों के लिए था। इसके चलते लोगों को अपने पैर जमीन पर रखना पड़ा और उन्हें ड्राइविंग टेस्ट में असफल मान लिया गया।

परिवहन विभाग की इससे पहले दिल्ली में ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े नियमों में कई अहम बदलाव किए जाने की तैयारी थी। जैसे गाड़ी चलाने के लिए 90 सेकंड का समय आठ के आकार में दिया जाने की बात कही जा रही थी।टेस्ट दे रहे व्यक्ति को पीली लाइन टच करने की सूरत में भी फेल नहीं माना जाएगा। वहीं पहले की तरह ही दूसरा जेब्रा ओवर टेक और रेडलाइट के लिए 45 सेकंड का समय तय किया गया था।दिल्ली परिवहन विभाग के मुताबिक नए नियम की वजह से 100 में 60 प्रतिशत तक चालक टेस्ट में फेल हो रहे हैं और इसका कारण है ड्राईविंग टेस्ट ट्रैक पर लगे सेंसर पीली रेखा पर वाहन पहुंचने पर उसे रीड कर लेते हैं। सरकार ने नियमों में लगातार आ रही शिकायतों के बाद ढील देने का फैसला किया था, जिसे अभी स्थगित कर दिया गया है।