डेस्क : देश के दो सबसे बड़े कारोबारी समूह रिलायंस और अदानी के बीच समझौता हो गया है। इसके तहत उनके कर्मचारियों को एक-दूसरे से नौकरी नहीं मिलेगी। इस समझौते को ‘नो-पोचिंग एग्रीमेंट’ कहा जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, समझौते पर इस साल मई में हस्ताक्षर किए गए थे और यह दोनों समूहों के सभी व्यवसायों पर लागू होगा। दोनों गुटों के बीच मुकाबला साफ दिखाई दे रहा है। क्योंकि अदाणी समूह का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है जबकि रिलायंस समूह पहले से ही एक बड़ा नाम है।
दोनों समूहों के बीच समझौते की खबर तब आई जब अदानी समूह ने पिछले साल पेट्रोकेमिकल्स में कदम रखा। रिलायंस का पहले से ही पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर में कारोबार है, लेकिन अदानी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ने भी इस क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है।पेट्रोकेमिकल्स के अलावा, दो अरबपति 5G स्पेक्ट्रम पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। अडानी पहले ही हाई-स्पीड डेटा सेक्टर में 5G स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगा चुका है। जबकि इस कारोबार में भी रिलायंस देश में पहले से ही एक दिग्गज कंपनी है।
मुकेश अंबानी की कंपनी में 380,000 से अधिक कर्मचारी हैं, जबकि अदानी के पास 23,0 . हैं मई में समझौता प्रभावी होने के बाद दोनों कंपनियों के कर्मचारी अब एक दूसरे के साथ काम नहीं कर सकते हैं।