अब यूपीआई, रुपे जैसे डिजिटल ट्रांजैक्शनों पर नहीं देना होगा कोई चार्ज, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जारी किए आदेश

डेस्क : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा है की अब डिजिटल ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट्स (MDR) शुल्‍क नहीं लगेगा। साथ ही अगर , पहली जनवरी 2020 के बाद किसी भी ट्रांजैक्शन पर यह शुल्‍क कटा है तो बैंक इसे ग्राहकों को रिफंड भी करेंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी CBDT ने आज बैंकों को निर्देश देते हुए ये कहा कि वे पहली जनवरी 2020 को या उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक मोड के जरिए किए गए ट्रांजेक्शनों पर वसूले गए शुल्‍क को तत्‍काल रिफंड करें।

जारी सर्कुलर के अनुसार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes, CBDT) ने कहा है कि सभी बैंक आयकर कानून 1961 के सेक्शन 269SU के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक मोड के जरिए पहली जनवरी या उसके बाद किए गए ट्रांजेक्शनों पर वसूले गए शुल्‍क को तुरंत रिफंड कर दें। विशेषज्ञों के अनुसार सरकार ये कदम डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए उठाया है।

केंद्र सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ही एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि पहली जनवरी 2020 से इलेक्ट्रॉनिक मोड के जरिए भुगतान करने पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट्स यानी MDR समेत कोई चार्ज नहीं वसूला जाएगा। अब अपने नए निर्देशों में CBDT ने कहा है कि कुछ बैंक यूपीआइ (Unified payment Interface, UPI) के जरिए भुगतान पर शुल्‍क वसूल रहे हैं। ऐसा करके बैंक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes, CBDT) ने कहा है कि अब ग्राहकों के साथ ऐसा करने पर कार्रवाई की जा सकती है। सर्कुलर के मुताबिक, यह पीएसएस अधिनियम की धारा 10ए और साथ ही आईटी एक्‍ट की धारा 269एसयू का उल्लंघन है। उक्‍त नियमों की अनदेखी आईटी एक्‍ट की धारा 271 डीएस और पीएसएस एक्‍ट की धारा 26 के तहत दंडात्मक है।