निर्भया कांड : बलात्कारियों के फांसी पर लटकने से पहले यह खबर आई सामने

नई दिल्ली : साल 2012 में 16 दिसंबर की रात को राजधानी में पारा मेडिकल की छात्रा के साथ 6 लोगों ने गैंगरेप किया था, पीड़िता के साथ मारपीट भी की गई थी और फिर चलती बस से उसे फेंक दिया गया था, वह बुरी तरह से जख्मी हो गई थी, पहले उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर बाद में उसे बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था, मगर सिंगापुर में इलाज के दौरान 28 दिसंबर को उसकी की मौत हो गई थी, तब इस घटना को लेकर देशभर में लोगों ने आक्रोश जाहिर किया था, और सभी लोगों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की थी, इस दौरान इनमें मुख्य आरोपी बस ड्राइवर राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, वही एक आरोपी घटना के वक्त नाबालिग था इसलिए उसका केस जुवेनाइल कोर्ट में चला, बाकी चारों आरोपियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और मुकेश सिंह को अदालत ने फांसी सुनाई थी।

मिली जानकारी के अनुसार इन चारो दोषियों में से एक दोषी विनय शर्मा ने खुद को सेल की दीवार में अपना सिर पटक कर चोटिल करने की कोशिश की है, उसको इसमे हल्की चोटें भी आई है, वह फिर से अपनी सर बैरक नंबर- 3 स्थित जेल में पटक पाता कि इससे पहले ही सुरक्षा में तैनात सिपाही ने उन्हें रोक लिया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। कहा जा रहा है कि फांसी की तारीखों के ऐलान के बाद से ही चारों दोषी व्यवहार में बहुत ज्यादा बदलाव आया है, चारों एकदम आक्रमक हो गए है , और छोटी-छोटी बातों पर भी गुस्सा हो रहे है, इन चारों दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि विनय शर्मा की दिमागी हालत ठीक नहीं है कुछ दिन पहले ही उसने अपनी मां को पहचानने से इंकार कर दिया था, इस आधार पर वकील एपी सिंह अदालत से फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग कर रहा है,

इस मामले में जेल प्रशासन का कहना है कि विनय शर्मा की यह हरकत फांसी को टालने के लिए है, वह फांसी से बचने के लिए ऐसे नाटक कर रहा है, इससे पहले भी दो बार दोषियों की फांसी टल चुकी है, सबसे पहले दिल्ली के एक स्थानीय अदालत ने चारों दोषियों को फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी, लेकिन एक आरोपी अक्षय ठाकुर की तरफ से राष्ट्रपति के पास दया गया याचिका दायर करने की वजह से उसकी फांसी टल गई थी, इसके बाद नया डेथ वारंट जारी किया गया इसमें 1 फरवरी को फांसी देने की बात की गई थी लेकिन दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की जिसकी वजह से यह भी टल गई, अब इन चारों में से तीन के पास सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं, केवल पवन गुप्ता ही ऐसा है जिसने अभी तक किसी कानूनी विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया है। कोर्ट ने अब नया डेथ वारंट जारी करते हुए यह टिप्पणी की थी कि या तो पवन गुप्ता सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट है या फिर सजा को टालने की तिकडम लगा रहा है, आपको यह बता दें कि स्थानीय अदालत ने चारों को फांसी देने के लिए 3 मार्च की तारीख तय कर दी है।