डेस्क : भारत का पड़ोसी राज्य नेपाल जहां से अभी यह खबर आ रही है कि उन्होंने अपना नया नक्शा जारी कर दिया है। भारत और नेपाल के बीच इस इलाके को लेकर काफी समय से तनाव बना था। परंतु इस बार नेपाल सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अब लिपुलेख और काला पानी उनके क्षेत्र के दायरे में आता है। इस नक्शे को लेकर मंत्री परिषद की बैठक हुई जिसमें अध्यक्षता के दौरान केपी शर्मा ओली द्वारा करी गई इसमें नेपाल के नए नक्शे को दिखाया गया जिसमें नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ने ट्वीट कर कहा कि मंत्री परिषद ने 7 प्रांतों में 77 जिलों के चित्र स्थानीय प्रशासनिक विभागों को दिखाते हुए देश का एक नया नक्शा जारी करा है जिसमें लिपुलेख, काला पानी शामिल है। उनका कहना है कि भूमि प्रबंधन मंत्रालय की तरफ से नक्शा जल्द ही प्रकाशित करा जाएगा।
इस कदम को लेकर भारत की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया अभी तक नहीं दी गई है। विदेश मंत्रालय ने पहले ही कहा था कि लिपुलेख पूरी तरह भारत के अंदर है और यह भारत का है वही चीन से लगने वाली सीमा के निकट सड़क का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में 80 किलोमीटर रोड के शुभारंभ को चालू कर दिया था।आपको बता दें कि इस सड़क का निर्माण इसलिए करा गया था। ताकि कैलाश मानसरोवर से जाने वाले श्रद्धालु सिक्किम और नेपाल के रास्ते खतरनाक ऊंचाई वाले रास्ते से जाते थे। जिनकी वजह से उनकी मौत हो जाती थी। परंतु अब वह इस रोड के जरिए जा सकते हैं।
नेपाल के इस नए नक्शे को जारी करने के पीछे की वजह बताई जा रही है कोविड-19 की महामारी। जिसमें इस बीमारी से लड़ने के लिए सहयोग का हिस्सा बताया गया है। जिसमें चिकित्सा परीक्षण एवं 30000 परीक्षणों के लिए किट भिजवाई जाएगी। इसी के साथ साथ भारत सरकार को इसका धन्यवाद भी दिया गया है यह बात 1 दिन बाद सामने आई है।
क्या है विवाद की वजह नेपाल कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा पर सुगौली संधि के आधार पर अपना दावा पेश करता है। नेपाल और ब्रिटिश भारत के बीच 1816 में सुगौली की संधि हुई थी जिसके तहत दोनों के बीच महाकाली नदी को सीमारेखा माना गया था। विश्लेषकों का कहना है कि भारत-नेपाल सीमा विवाद महाकाली नदी की उत्पत्ति को लेकर ही है। नेपाल का कहना है कि नदी लिपुलेख के नजदीक लिम्पियाधुरा से निकलती है और दक्षिण-पश्चिम की तरफ बहती है जबकि भारत कालपानी को नदी का उद्गमस्थल मानता है और दक्षिण और आंशिक रूप से पूर्व में बहाव मानता