Mountain Man: मौंटेनमेन के नाम से मशहूर दशरथ मांझी (Mountain Man) बिहार में गया के पास गहलौर गांव के एक गरीब मजदूर थे। उन्होंने बहुत कम उम्र में ही धनबाद की कोयला खदान में काम करना शुरू कर दिया था। बड़े होने पर उन्होंने फाल्गुनी देवी नाम की कन्या से विवाह किया। पति के लिए खाना ले जाते समय उसकी पत्नी फाल्गुनी पहाड़ के दर्रे में गिर गई। पहाड़ पर एक और हॉस्पिटल था, जो करीब 55 किलोमीटर दूर था। दूरी के कारण उसे सही समय पर इलाज नहीं मिल सका, जिससे उसकी मौत हो गई। यह बात उनके दिल को छू गई और अटारी और वजीरगंज ब्लॉक के बीच की दूरी 55 किलोमीटर से घटाकर 15 किलोमीटर कर दी। लेकिन आज भी उनका परिवार आर्थिक तंगी का दंश झेलने को मजबूर है।
वे आज भी फूस के घरों में रहते हैं। उनके परिवार वालों ने कहा कि बाबा के नाम पर सरकार ने कई काम किए, कार्यक्रम चलाए और कई का उद्घाटन किया। लेकिन अपने परिवार के लिए कुछ नहीं किया। अब इस परिवार ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। माउंटेन मैन के बेटे भागीरथ मांझी ने बताया कि पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कुछ साल पहले एक लाख की मदद की थी। इसके बाद वह हर महीने 10 हजार रुपये भेजता था। वह भी एक साल से बंद है। हालांकि जब उन्हें बच्चे की बीमारी की जानकारी मिली तो उन्होंने मजदूरों को भेजकर कुछ आर्थिक मदद की।
दशरथ मांझी (Mountain Man) के बेटे भागीरथ मांझी को वृद्धावस्था पेंशन और बेटी लोंगी देवी को विधवा पेंशन मिलती थी। वह भी बंद कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पिता के नाम पर फिल्म बनी है। फिल्म बनाते वक्त कहा गया था कि वाजिब रकम दी जाएगी, जिसमें सिर्फ 50 हजार रुपए दिए गए। इस संबंध में नीमचक बथानी के अनुविभागीय अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि दशरथ के परिजनों से मिलने के बाद उन्हें कर्ज चुकाने का आश्वासन दिया गया।