अब आपको करनी होगी अपनी जेब और ज्यादा ढीली- क्यूंकि अब बढ़ने वाली है गेहूं और खाद्य तेल की कीमत

डेस्क : सभी उपभोक्ताओं को आने वाले समय में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लंबे समय से रोजाना इस्तेमाल करने वाली चीज अब महंगी पड़ने वाली है, बता दें कि इसकी साफ वजह रूस और यूक्रेन का युद्ध बताई जा रही है। FMCG कंपनियों ने साफ कहा है कि खाद्य तेल, गेहूं और कच्चे तेल की कीमत में बड़े स्तर पर उछाल आने वाला है।

डाबर और पारले जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों का कहना है कि हम मुद्रास्फीति दबाव से निपटने के लिए बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं, इतना ही नहीं बल्कि हिंदुस्तान यूनिलीवर और नेस्ले का कहना है कि आने वाले समय में खाद्य उत्पादों के दाम बढ़ जाएंगे। बाजार को देखने से कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। पाम तेल का दाम अब ₹180 लीटर चला गया है। हर तरफ लोग 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि की बात कर रहे हैं बता दें कि कच्चे तेल का दाम $140 प्रति बैरल जाने के बाद सीधा $100 से नीचे पहुंच गया है।

शाह ने बताया कि हर कोई 10%-15% की वृद्धि की बात कर रहा है। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच आंकड़ों को देखते हुए उत्पादन की लागत अधिक बढ़ गई है। वैसे तो पारले कंपनी के पास बहुत ज्यादा स्टॉक है लेकिन आने वाले समय में बढ़ोतरी का फैसला लिया जा सकता है। आपको बता दें कि बाजार में कुछ ऐसी कंपनियां इस वक्त राज कर रही है जो अपने दम पर मूल्य का आकलन करती हैं, जिसके चलते सभी कंपनियां मुद्रास्फीति का भोज दूसरी कंपनियों पर डालती नजर आ रही हैं। वर्ष 2022 और 23 की पहली तिमाही में बताया जा रहा है कि 3% से 5% तक की वृद्धि होनी तय है। लंबे समय से इन कंपनियों ने कॉफी, चाय पत्ती और नूडल के दाम बढ़ा दिए थे। इसका सीधा असर उपभोक्ता पर पड़ सकता है।