आज से चलेंगी स्पेशल ट्रेन? यहां देखें 80 ट्रेनों की पूरी लिस्ट, यात्रा से पहले जान लें ये नए नियम, नहीं होगी कोई परेशानी

डेस्क : एक लम्बी अवधि गुजारने के बाद अब धीरे धीरे ही सही जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। लोग कोरोना के साथ अब जिंदगी को जीना सीखने लगे हैं। तो भला अपना भारतीय रेल क्यों पीछे रहे। कोरोना काल में ट्रेनों की संख्या में भारी कटौती की गई।पर अब धीरे-धीरे पहले से अधिक ट्रेनें पटरी पर दौड़ने को तैयार हैं। भारतीय रेलवे आज से 80 नई स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू कर रहा है, जिसकी बुकिंग दस सितंबर से ही जारी है। ध्यान देने योग्य बातें:-

  1. टिकट बुक करने के लिए www.irctc.co.in पर लॉगइन करें
  2. आईआरसीटीसी ऐप डाउनलोड करके भी बुक कर सकते हैं।
  3. लॉगइन करने के बाद इन विशेष ट्रेनों की उपलब्धता देख सकते हैं और इसके बाद ई-भुगतान के माध्यम से टिकट बुक कर सकते हैं।बुकिंग करने के लिए एक एसएमएस भी प्राप्त होगा।
  4. इन ट्रेनों के ठहराव को संबंधित राज्य सरकारों के साथ परामर्श करने के बाद ही विनियमित किया जाएगा।
  5. वर्तमान में रेलवे 30 विशेष प्रकार की राजधानी ट्रेनें चला रहा है।जिसकी परिचालन मई से शुरू हुई थीं।
  6. 1 जून से रेलवे 200 विशेष मेल एक्सप्रेस ट्रेनें भी चला रहा है।
  7. राष्ट्रीय स्तर की कई परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं, रेलवे मांग के अनुसार और विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है।
  8. अगर वेटिंग लिस्ट की संख्या बहुत ज्यादा है तो रेलवे प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को समायोजित करने के लिए क्लोन ट्रेन चलाएगा।

इस समय करीब 230 विशेष गाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है। पर आज से 80 नई विशेष ट्रेन या 40 जोड़ी ट्रेनें देश के अलग-अलग हिस्सों में पटरियों पर दौड़ेगी। इसके लिए आरक्षण 10 सितंबर से आरंभ हो गया। ये ट्रेनें पहले से ही चल रही 230 ट्रेनों के अतिरिक्त होंगी।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि रेलवे वर्तमान में संचालित सभी ट्रेनों की निगरानी कर पता लगाएगा कि किन ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची लंबी है । फिलहाल 30 राजधानी टाइप और 200 स्पेशल मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। आज से चलने जा रहीं ये 80 ट्रेनें इनके अतिरिक्त हैं। कोरोना लॉकडाउन के बाद नियमित ट्रेन संचालन बंद करने के बाद अब रेलवे धीरे-धीरे ट्रेनों को पटरियों पर ला रहा है। 80 नई विशेष ट्रेन को लॉकडाउन के चौथे चरण में महामारी की दोहरी मार झेल रहे प्रवासी श्रमिकों को ध्यान में रखते हुए पेश किया जा रहा है। अपनी सीमित सेवा के कारण भारतीय रेलवे ने चालू वित्त वर्ष में लगभग 40,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है।