46 अनाथ..26 फ्री स्कूल और 16 वृध्दाश्रम चलाते थे दिवंगत अभिनेता पुनीत राजकुमार, अंतिम दर्शन में जुटे थे लाखों लोग

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पुनीत राजकुमार: आज देश में साउथ की फिल्मों को बॉलीवुड की फिल्मों से ज्यादा सराहा जा रहा है। ऑस्कर में साउथ के एक फिल्म के गाने को चुना गया। साउथ के कलाकार परोपकारी भी होते हैं। इसमें सबसे बड़ा नाम कन्नड़ फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता पुनीत राजकुमार का है। पुनीत राजकुमार अब इस दुनिया में नहीं रहें। 29 अक्टूबर 2021 को इनका निधन हो गया। लेकिन लोगों के बीच आज भी जीवित हैं। इन्होंने समाज के लिए इतना कुछ किया है, जिससे लोग उन्हें आजीवन याद करते रहेंगे।

साल 2019 में उत्तरी कर्नाटक में बाढ़ का प्रकोप हुआ था। उस वक्त भी अभिनेता पुनीत लोगों की मदद के लिए आगे आए थे। इसके बाद उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री राहत कोष में 5 लाख रुपये दान किए। इसके बाद पत्तागोभी के दौरान मुख्यमंत्री राहत कोष में 50 लाख रुपये की मदद की। इसके साथ ही पुनीत 26 अनाथालयों और 16 वृद्धाश्रमों के साथ ही 19 गौशालाओं के संचालन में सहयोग करता था। कुछ देर पहले दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि गानों से मिले पैसों को वह इन कामों के लिए देते हैं। पुनीत ने कई कन्नड़ भाषी स्कूल चलाने में भी मदद की।

पुनीत अपनी मां के साथ मैसूर में शक्तिधाम नाम से एक आश्रम भी चलाते थे। इस आश्रम के जरिए वह हजारों लड़कियों की पढ़ाई के लिए संसाधनों की व्यवस्था करता था। यह एक परोपकारी संस्था है। इस संस्था में बलात्कार पीड़ितों की मदद, मानव तस्करी के खिलाफ अभियान, वेश्यावृत्ति के खिलाफ काम भी किया गया है। एक अनुमान के मुताबिक अब तक यहां से करीब 4 हजार महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं।

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नितेश कुमार झा पिछले 2.5 साल से thebegusarai.in से बतौर Editor के रूप में जुड़े हैं। इन्हें भारतीय राजनीति समेत एंटरटेनमेंट और बिजनेस से जुड़ी खबरों को लिखने में काफी दिलचस्पी है। इससे पहले वह असम से प्रकाशित अखबार दैनिक पूर्वोदय समेत कई मीडिया संस्थानों में काम किया। उनके लेख प्रभात खबर, दैनिक पूर्वोदय, पूर्वांचल प्रहरी और जनसत्ता जैसे अखबारों में भी प्रकाशित हो चुके हैं। अभी नीतेश दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से MA मास मीडिया कर रहे हैं।
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