Kumar Vishwas की कविताओं पर फिदा हो गई थी टीचर, इश्क़ का चढ़ा ऐसा परवान कि भाग कर रचाई शादी..

Kumar Vishwas : विख्यात कवि और’कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है जैसी जीवंत पंक्तियों को अपनी कविता में पिरोने वाले इस प्रेम कविता की लाइन से युवाओं के दिलों पर राज करने वाले रॉकस्टार कवि डॉ. कुमार विश्वास (Dr. Kumar Vishwas) आज के इस दौर में देश के सबसे महंगे कवियों में से एक हैं। कविराज डॉ. कुमार विश्वास ना सिर्फ कविताओं के लिये बल्कि राजनीति पर अपनी बेबाक टिप्पणियों की वजह से भी सुर्खियों में रहते हैं। यहां हम उनकी राजनीति या फिर कविता की नहीं बल्कि उनकी पर्सनल लाइफ यानी प्रेम कहानी के बारे में आपको अब बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में बहुत कम ही लोगों को पता भी है

10 फरवरी 1970 को यूपी के हापुड़ जिले के पिलखुवा गांव में पैदा हुए डॉ कुमार विश्वास की युवाओं में अच्छी खासी लोकप्रियता है। कुमार विश्वास दुनिया भर के कवि सम्मेलनों में शिरकत करते रहते हैं। उनके पिता डॉ. चन्द्रपाल शर्मा,R S S डिग्री कॉलेज पिलखुवा में प्रवक्ता थे। उनकी माता रमा शर्मा एक गृहिणी हैं। कुमार विश्वास चार भाईयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं। 12वीं उत्तीर्ण होने के बाद उनके पिता उन्हें एक इंजीनियर बनाना चाहते थे। पिता के कहने पर कुमार विश्वास ने इंजीनियरिंग में एडमिशन भी करवाया, लेकिन उनका मन टेक्निकल की पढ़ाई में नहीं रमा।

कैसे शुरू हुई कुमार की प्रेम कहानी? इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ हिंदी की पढ़ाई करने के बाद साल 1994 में राजस्थान से उन्होंने हिंदी प्रवक्ता के रुप में अपनी नौकरी शुरु की, यहीं पर कुमार विश्वास की पहली मुलाकात मंजू से हुई, जो उसी कॉलेज में एक प्रवक्ता थी। यह मुलाकात कब प्यार में बदल गयी, दोनों को भी पता ही नहीं चला। कुमार विश्वास ने मंजू के लिए कविताएं लिखने की शुरुआत की। कुमार की यह कविताएं श्रृंगार रस से जुड़ी होती थीं। इन्हीं कविताओं ने मंजू को और भी प्रभावित किया

मंजू का राजस्थान के अजमेर में घर होने से कुमार विश्वास उनसे मुलाकात करने जाया करते थे। आनासागर झील, बारादरी, फायसागर झील, पुष्कर घाटी और बजरंगगढ़ मंदिर में दोनों ने कई बार मुलाकात भी की। धीरे-धीरे दोनों का प्यार परवान चढ़ता गया और फिर बात शादी तक भी पहुंची। कुमार विश्वास को पता था कि जाति अलग होने की वजह से उनके घर में इसका विरोध होगा, इसलिये दोनों ने कुछ दोस्तों की मदद से पहले कोर्ट में और फिर जाकर मंदिर में शादी कर ली। शादी के बाद दोनों ने अपने घर वालों को सूचना भी दे दी, दोनों परिवारों में इस शादी का कड़ा विरोध हुआ। कहा यह जाता है कि शादी के बाद दोनों किराए के मकान में रहने लगे।