जानिये आखिर भारत में क्यों नहीं होगा चन्द्र ग्रहण, दिखाए जा रहे खबर की क्या है सच ?

न्यूज डेस्क : सोशल मीडिया एवं न्यूज चैनलों के द्वारा लगातार चन्द्रग्रहण लगने की खबर प्रकाशित की जा रही है। इस चंद्र ग्रहण के तथ्य को लेकर हमारी टीम ने जानकारी जुटाया । पड़ताल में इस चन्द्रग्रहण का भारत में कोई प्रभाव नहीं होगा । एक तरफ जहां वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमासी को यानी 26 मई को चंद्र ग्रहण से संबंधित खबरें सोशल मीडिया एवं समाचारों में दिखाया जा रहा है तो साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इस संदर्भ में ज्योतिषाचार्य अविनाश शास्त्री ने बताया कि चंद्र ग्रहण अथवा सूर्य ग्रहण इनका प्रभाव नहीं पड़ता है जहां यह दृष्ट नही होते हैं। जिन देशों में सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देता है उस देश के लोगों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है अर्थात इस ग्रहण का कोई औचित्य नहीं है।

आम भाषा में इसको इस तरह से समझा जा सकता है कि हमारे देश में अर्थात भारत में जब सूर्य अस्त होता है तो वह पश्चिमी देशों में उदित होता है अर्थात पश्चिमी देशों के लिए चंद्रमा का अस्तित्व अर्थात रात जब होता है तब उस समय एशियाई देशों में दिन का अस्तित्व होता है यानी जब हम प्रत्यक्ष नेत्रों से सूर्य को देखते हैं तब ही दिन मानते हैं और सूर्यास्त के साथ रात की शुरुआत होती है । ग्रहण के लिए भी इन्हीं सिद्धांतों को आधार मानकर ज्योतिषीय ग्रंथ अद्भुत सागर एवं कृत सार समुच्चय आदि ग्रंथों में इस विषय की चर्चा हुई है कि जिस क्षेत्र में ग्रहण दृष्ट होता है उसी देश के लिए शुभ अशुभ फलों को देने वाला भी होगा। इस आधार पर हमें यह मानना चाहिए कि इस ग्रहण का एशियाई देशों के लोगों पर कोई शुभ अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के द्वारा प्रकाशित पंचांग में भी स्पष्ट रूप से यह वर्णित है ।

अस्मिन वर्षे ग्रहण आभावः अर्थात इस वर्ष कोई ग्रहण नहीं लग रहा है।