Anand Kumar: कभी पटना की गलियों बेचते थे पापड़, आज हजारों बच्चों बनाया साइंटिस्ट, जानें- इनसाइड स्टोरी..

Anand Kumar : पटना वाले आनंद सर को कौन नहीं जानता है। आनंद कुमार आज के समय में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्हें हर गरीब तबका जानता है जो कुछ बड़ा करना चाहता है। आनंद कुमार एक गरीब परिवार से आते हैं। पढ़ने में शुरू से होनहार आनंद कुमार आज लाखों गरीब बच्चों को आईटी तक पहुंचा चुके हैं। इन पर एक फिल्म भी बन चुकी है जिसमें मुख्य किरदार ऋतिक रोशन ने निभाया है। आनंद कुमार का संघर्ष कोई आम संघर्ष नहीं है इन्होंने साम दाम दंड भेद सभी को भेदते हुए आगे बढ़ा है।

पटना की गलियों में बेचते थे पापड़ : आनंद कुमार आज कामयाबी की बुलंदी पर पहुंच चुके हैं लेकिन इस कामयाबी के पीछे जो संघर्ष रहा है इसमें उनके पूरे परिवार की साझेदारी है। एक समय ऐसा भी था जब आनंद कुमार 4 साल तक सड़कों पर घूम घूम कर पापड़ बेचा करते थे। इनकी मां पापड़ बनाती थी और दोनों भाई साइकिल पर पापड़ बेचते थे। इसी दौरान भाई ने कहा कि हम लोग ऐसे ही कितने दिन रहेंगे एक कोचिंग शुरु कर लीजिए। इसके बाद सिलसिला शुरू हो गया।

टिकट के पैसे नहीं होने की वजह से नही गए कैंब्रिज : आनंद कुमार के पिता पोस्ट ऑफिस में कार्यरत थे। जिन्हें एक बेसिक तनख्वाह मिलती थी।इसी में पूरा घर चलाना होता था। एक बार ऐसा समय भी आया कि आनंद कुमार को कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ने का मौका मिला। लेकिन जहाज के टिकट के पैसे ना होने की वजह से वहां नहीं जा सके। घर में सब खुश थे कि बेटा कैंब्रिज जाएगा बड़ा नाम करेगा। लेकिन आर्थिक तंगी ऐसी की खुशी ज्यादा देर तक टिका नहीं। लेकिन आनंद कुमार होनहार थे उन्होंने बिना कैंब्रिज गए आज इस स्थिति में हैं कि विदेश के कई बड़े यूनिवर्सिटी में जाकर बच्चों के बीच संबोधन कर चुके हैं।

गोली खा कर गरीब बच्चों को पढ़ाया : सुपर थर्टी फिल्म में यह दिखाया गया है कि आनंद कुमार के कोचिंग पर कुछ बदमाशों ने भयंकर हमला कर दिया था। एक बार तो उन्हे गोली भी लगी। इन सब के बावजूद भी गरीब बच्चे को पढ़ाने का जज्बा खत्म नहीं हुआ और गरीब से गरीब बच्चों को चुन चुन कर पढ़ाते चले गए। फिर सुपर 30 का सिलसिला शुरू हुआ। जहां हर साल अपने कोचिंग से 30 में 30 बच्चों को IIT तक पहुंचाते हैं। आनंद कुमार पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है।