जमीन या प्रॉपर्टी की रजिस्‍ट्री कराते समय इन बातों का रखें ध्‍यान! और सस्‍ती भी हो जाएगी प्रॉपर्टी? जानें –

जमीन या प्रॉपर्टी की खरीददारी करने के दौरान कई तरह के सवाल हमारे मन में होते हैं। कैसे कराएं? और कैसे होता है आदि..…तो आज हम आपको यहां बताने जा रहे हैं इससे जुड़ी कुछ अहम जानकारी। दरअसल, रजिस्ट्री कराना कानूनी प्रक्रिया है जिसमें एक प्रॉपर्टी के खरीदार उसे अपने नाम कराते हैं और इस प्रक्रिया से उन्हें स्थायी मालिकाना हक मिलता है। रजिस्ट्री के समय विक्रेता द्वारा पेश किए गए दस्तावेज सही होने चाहिए।

पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो व्यक्ति जमीन बेच रहा है, वही उसका असली मालिक है। इसके लिए आप एक वकील या पेशेवर की सहायता ले सकते हैं। Sales Deed और प्रॉपर्टी टैक्स के रसीदों की जांच करने के लिए एक वकील के पास जाना बेहतर होगा। इसके ज़रिए आप पिछले 30 साल की संपत्ति की विवरण को समझ सकते हैं।

आप एक स्थानीय अखबार में एक इश्तिहार छपवाकर किसी भी प्रॉपर्टी के बारे में जान सकते हैं। यह आपको पता लगा सकता है कि क्या उस जमीन पर कोई विवाद है या किसी दूसरे व्यक्ति का कोई अधिकार है। इसके द्वारा आप जान सकते हैं कि क्या तीसरे पक्ष के दावे हो सकते हैं।

पॉवर ऑफ अटॉर्नी द्वारा बिक्री की जाने वाली जमीन या प्रॉपर्टी की वेरीफिकेशन के लिए आपको किसी पेशेवर की मदद लेनी चाहिए। वे आपको बता सकते हैं कि आपको वही प्रॉपर्टी बेची जा रही है जिसका पॉवर ऑफ अटॉर्नी में ब्यौरा दिया गया है। इस प्रक्रिया में कई दस्तावेजों की अदला-बदली होती है, जो काफी समय ले सकती है। इसलिए, आपके लिए बेहतर होगा कि आप इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए किसी विशेषज्ञ को अधिकृत करें।

रजिस्ट्री से पहले निम्नलिखित दस्तावेजों की जांच करें-

टाइटल डीड: सुनिश्चित करें कि प्रॉपर्टी जिसकी रजिस्ट्री आप कराने जा रहे हैं, वह उसी व्यक्ति के नाम पर है जो आपको जमीन बेच रहा है।

एनओसी (No Objection Certificate) आपको संपत्ति के साथ मिलता है और इससे पता चलता है कि आपकी संपत्ति किसी अन्य डेवलपर या बिल्डर से संबंधित नहीं है।

टैक्स की रसीदें मांगें : आप संपत्ति पर चुकाई गई टैक्स की जानकारी मांगें तो इससे यह सुनिश्चित होता है कि वह प्रॉपर्टी सरकारी दस्तावेजों में भी उल्लिखित है। इससे यह भी पता चलता है कि कोई पिछले कर या भुगतान का बकाया नहीं है।

वहीं यदि आप किसी संपत्ति की खरीद के लिए बैंक से ऋण लेते हैं, तो यह कानूनी प्रक्रिया में सबसे आसान तरीका है। क्‍योंकि बैंक आपको ऋण केवल तभी प्रदान करेगा, जब संपत्ति पूरी तरह सही होगी। यदि संपत्ति के कानूनी दस्तावेजों में कोई अवैधता होती है, तो बैंक आपके ऋण को खारिज करेगा और आप धोखाधड़ी से बच सकेंगे।