1 जुलाई से बदलेगा Driving Licence बनवाने का नियम, अब बिना टेस्ट दिए ही बनेगा DL!, पढ़ें पूरी डिटेल

डेस्क : कोरोना महामारी के समय कई लोग अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाह रहे थे, लेकिन उनको लाइसेंस बनवाने में परेशानी आ रही थी। कोरोना के चलते अनेकों पाबंदियां सरकार और प्राइवेट दफ्तरों में लगी हुई थी। ऐसे में अब वह पाबंदी हट चुकी है और अब लोग दोबारा से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की इच्छा प्रकट करते नजर आ रहे हैं।

अब उन सभी लोगों के लिए खुशखबरी आई जो लाइसेंस बनवाने के इच्छुक हैं। लोगों को अब घंटों लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। ऐसे में वह सभी लोग जो अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के इच्छुक हैं, उनके लिए भारतीय रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्ट्री ने ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए नए नियम जारी किए हैं जो आपको जान लेना अति आवश्यक है। अब आप किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर से कैंडिडेट हाई क्वालिटी ड्राइविंग कोर्स कर सकते हैं। आप इस ट्रेनिंग को पूरा कर लेंगे तो आपको RTO जाकर टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्ट्री ने साफ कहा है कि इस तरह की ट्रेनिंग सेंटर में सिम्युलेटर डेडीकेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक पर होगी।

ऐसे में जब कोई गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति इन ट्रैक से होकर गुजर लेता है तो वह क्वालिटी ट्रेनिंग के तहत गिना जाता है। इन सेंटर्स में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले को इंडस्ट्रीज सपेसिफिक स्पेशलाइज ट्रेनिंग दी जाती है। बता दे की यह नए नियम 1 जुलाई से लागू होंगे। भारत सरकार का कहना है कि आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं का कारण अनसकिल्ड ड्राइवर हैं, जो इस तरह की ट्रेनिंग सेंटर बनवाकर पूरी की जा सकती है। बता दें कि इन ट्रेनिंग सेंटर के सर्टिफिकेट की मान्यता 5 साल तक रहेगी। ऐसे में 5 साल के बाद ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू कराना होगा। जिसके लिए समय-समय पर रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्ट्री नोटिफिकेशन भी जारी करेगा। यदि आप लाइट मोटर व्हीकल ड्राइविंग कोर्स करना चाहते हैं तो चार हफ्तों के इस कोर्स को कर सकते हैं। वहीं मीडियम ट्रेनिंग करना चाहते हैं तो 6 हफ्ते का कोर्स कर सकते है। यहां पर कैंडिडेट को थ्योरी और प्रैक्टिकल जैसी प्रक्रियाओं से भी गुजरना होता है।