प्रशासन की ढील और लोगों की लापरवाही से कोरोना की तीसरी लहर को दे रहा आमंत्रण!

न्यूज डेस्क : साल 2019 में चीन के वुहान शहर से पनपा कोरोना वायरस कोरोना अब एलआईसी के उस पंचलाइन की तरह हो गया है। जिसमें कहा जाता है जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी। इंसान को अब कोरोना के बीच ही जीना होगा। भारत देश में इसके पहले फेज के खत्म होने के बाद लोग अचानक से इतने लापरवाह हो गए कि इसकी दूसरी लहर को भी 6 माह के अंदर ही देख लिया। न सिर्फ देखा बल्कि इससे मची तबाही को झेला। इसके बाद भी कोई सुधार की संभावना लोगों में नहीं नज़र आ रही है। कोविड के दूसरी लहर के थोड़ा थमने के बाद लगभग सभी शहरों में अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पर पाबंदियों में ढील मिलते ही लोगों ने झुंड लगाना शुरू कर दिया है। आश्चर्य की बात है सोशल डिस्टेंस तो दूर मास्क लगाने की ज़रूरत भी बहुत लोग नहीं कर रहे। कोविड 19 के प्रोटोकॉल की धज़्ज़िया उड़ाते हुए लोग सड़कों पर नज़र आ जाते हैं।

तीसरी लहर के आने की संभावना कब ? : वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया में महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स की तरफ से यह ख़बर दी गई है कि जिस तरह से लोग लापरवाही बरत रहे है। प्रोटोकॉल फॉलो नहीं कर रहे है ऐसे में थर्ड वेव 2-4 हफ्ता के अंदर आ सकता है। दूसरे लहर से दुगने संक्रमण की आशंका थर्ड वेव में होगी। जो ख़ास कर के लोअर मिडिल क्लास को प्रभावित करेगा। जिस तरह यु.के. में महीने भर के अंदर थर्ड वेव आया ।

उसी तर्ज पर हमारे देश मे भी 15-30 दिनों के अंदर थर्ड वेव आ सकता है, अगर लोग सतर्क न हुए तो। दिल्ली हाई कोर्ट ने लोगों के व्यवहार पर आपत्ति जताते हुए प्रशासन को काफी कठोर कदम लेने को आदेशित किया है। पाबंदियों पर फिर से विचार, सामाजिक दूरी, मास्क का उपयोग ये सब की गहन जांच करने की बात कही है ताकि लापरवाही का घातक नतीजा न देखने को मिले। दूसरी लहर से हुए नुकसान से लोगों का जीवन अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाया है। ऐसे में तीसरी लहर को अपनी गलतियों से बुलावा देकर कोहराम मचाना काफी घातक साबित हो सकता है। ऐसे मे न सिर्फ प्रशासन की शख्ती बल्कि लोगों का जागरूकता से नियमों का पालन करना कोविड 19 प्रोटोकॉल फ़ॉलो करना ज़रूरी है।