न्यूज डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने भारत में निर्मित कोरोनावायरस वैक्सीन कोवाक्सिन को बुधवार को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। बता दे की WHO के अधिकारियों ने 26 अक्तूबर को भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोवाक्सिन पर समीक्षा बैठक की थी और कंपनी से इस वैक्सीन की ज्यादा जानकारी देने की मांग की गई थी। अब वैक्सीन को दुनियाभर के लिए सुरक्षित बताते हुए मान्यता दे दी गई है। सबसे अहम बात यह है, की WHO ने 18 + लोगों के लिए कोवैक्सिन के आपातकालीन उपयोग को स्वीकार कर लिया है।
WHO की ओर से मिली इस मंजूरी के मायने यह है कि अब भारत में बनी इस कोरोना वैक्सीन को अन्य देशों में मान्यता मिल सकेगी, और यह वैक्सीन लगवाने वाले भारतीयों को अब विदेशों में यात्रा के दौरान क्वारंटीन होने या प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ेगा, इमरजेंसी लिस्टिंग या EUL एक लंबी समीक्षा प्रक्रिया के बाद आती है। भारत बायोटेक ने पहले अप्रैल में मंजूरी के लिए आवेदन किया था और जुलाई में जरूरी डेट उपलब्ध कराए थे इसमें वैक्सीन की सुरक्षा, प्रभावशीलता से संबंधित जानकारियां शामिल थीं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा:
कोवाक्सिन को मंजूरी देने वाले WHO के तकनीकी सलाहकार समूह में दुनियाभर को कई नियामक विशेषज्ञ शामिल रहे। उनकी तरफ से समीक्षा के बाद कहा गया कि कोवाक्सिन कोरोनावायरस से बचाव करने में WHO के मानकों पर खरी उतरती है और इससे होने वाले छोटे-मोटे जोखिमों पर इसके लाभ काफी भारी पड़ते हैं। इसलिए यह वैक्सीन पूरे विश्व में इस्तेमाल की जा सकती है।
गर्भवती महिला को नहीं मिल सकेगा
WHO ने यह भी कहा है कि गर्भवती महिलाओं पर कोवाक्सिन के इस्तेमाल पर जो डेटा दिया गया, वह अभी भी अपर्याप्त है, जिसकी वजह से प्रेग्नेंसी के दौरान इसकी सुरक्षा और क्षमता को आंका नहीं जा सकता। गर्भवती महिलाओं पर यह स्टडीज सुनियोजित होती हैं।
कितनी असरदार है यह कोवैक्सीन
बता दे की भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन (Covaxin), Corona Virus के खिलाफ 77.8 फीसदी और कोरोना के नए डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65.2 फीसदी सिक्योरिटी दिखाती है, भारत बायोटेक ने कहा कि उसने थर्ड फेज के ट्रायल से कोवैक्सीन के प्रभावकारिता का निष्कर्ष निकाला है।