Independence Day Special: बंटवारे में बिछड़ गए थे 2 भाई, जब मिले तो दिखा भावुक नजारा

डेस्क : जब हम किसी बिछड़े हुए से दोबारा मिलते हैं तो वो पल काफ़ी खास होता है। खास कर कई सालों बाद जब अचानक फिर से मुलाकात होती है तो दिल में आ रहे ख्याल का कोई मुकाबला नहीं। तो आज आपको रियल लाइफ मीटिंग का एक ऐसा दास्तान सुनाते हैं जिसे सुन आप भी खुश हो जायेंगे। दरअसल, 1947 में बंटवारे के बाद पहली बार जब भारतीय सिका खान (Sika Khan) अपने पाकिस्तानी भाई से मिले तो उनके झुर्रीदार गालों से आंसू बह निकले।

सिका एक सिख मजदूर हैं और वह जब केवल छह महीने के थे तो अपने बड़े भाई सादिक खान से बिछड़ गए थे। क्योंकि भारत और पाकिस्तान में बंटवारा हुआ था और दोनों ही भाई अलग हो गये। साम्प्रदायिक हत्याओं में, सिका के पिता और बहन की मृत्यु हो गई लेकिन सादिक जो केवल दस वर्ष का था वह बच निकला और पाकिस्तान चला गया था।

यूट्यूबर ने बिछड़े दो भाइयों को मिलवाया : पंजाब के भटिंडा में अपने साधारण ईंट के घर में रहने वाले सिका ने कहा, ‘मेरी मां इस आघात को सहन नहीं कर सकीं और नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। मुझे ग्रामीणों और कुछ रिश्तेदारों की दया पर छोड़ दिया गया, जिन्होंने मुझे पाला। जब मैं बच्चा था तब से ही अपने भाई के बारे में अधिक जानने की इच्छा थी।’ पर फिर 3 साल पहले क्षेत्र के एक डॉक्टर ने मदद की करनी चाही। वर्ना उसके पहले तक सिका आगे नहीं बढ़ पाए। पाकिस्तानी YouTuber नासिर ढिल्लन के कई फोन कॉल और सहायता के बाद सिका को सादिक के साथ फिर से मिलाया।

अब तक 300 परिवारों को मिली चुका है यूट्यूबर : 38 वर्षीय पाकिस्तानी यूटबर नासिर का कहना है कि उन्होंने और उनके सिख मित्र भूपिंदर सिंह ने अपने YouTube चैनल के माध्यम से 300 परिवारों के सदस्यों को अपने भूले बिसरे परिजनों से मिलाया है। आपको बता दें दोनों भाई अंततः करतारपुर कॉरिडोर में मिले। एक दुर्लभ वीजा-मुक्त क्रॉसिंग जो भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में तीर्थस्थल में जाने में सक्षम बनाता है। दोनों देशों के बीच जारी दुश्मनी के बावजूद यह गलियारा 2019 में खुला और अलग-थलग पड़े परिवारों के लिए एकता और सुलह का प्रतीक बन गया।