Indian Railway: अब जनरल डिब्बे में जगह न मिलने पर स्लीपर कोच में भी कर सकते हैं यात्रा? जान लीजिए ये नियम..

Indian Railway: इंडियन रेलवे इस देश की लाइफलाइन है. कम किराए और सुविधाजनक सफर की वजह से देश की अधिकतर आबादी एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए इसी में सफर भी करती है. सफर में किसी तरह की परेशानी न हो, इससे बचने के लिए लोग करीब 4 महीने पहले ही इसमें सीट बुक करवा लेते हैं. कई बार तो हमें इमरजेंसी में भी सफर करना पड़ता है, जिसके लिए हम तत्काल टिकट भी बुक करवाते हैं. लेकिन अगर तत्काल टिकट न मिले तो फिर जनरल डिब्बे में चढ़कर सफर करने का ही एक विकल्प बचता है.

जनरल डिब्बे में सीट न मिलने पर क्या किया जाए? जरा सोचिए, आपके पास ट्रेन के जनरल डिब्बे का टिकट (Indian Railway General Coach Ticket Rules) है लेकिन उसमें भीड़ खचाखच भरी पड़ी है और आप चाहकर भी उसमें चढ़ नहीं पा रहे हैं तो फिर आप क्या करेंगे. क्या आप वह ट्रेन छोड़ देंगे या फिर जोखिम लेकर दूसरे रिजर्व डिब्बे में आप चढ़ जाएंगे. अगर किसी रिजर्व डिब्बे में चढ़ गए तो वहां पर पैनल्टी लगेगी या नहीं. ऐसे कई सवाल आपके मन में जरूर घुमड़ते होंगे, जिसका आज हम विस्तार से जवाब भी देने जा रहे हैं. इसे पढ़कर आपके मन में काफी सारी चीजें साफ हो जाएंगी.

आप जान लें रेलवे का यह काम का नियम : रेलवे (Indian Railway) के एक एक्ट 1989 के तहत अगर आपकी यात्रा 199 KM या उससे कम दूरी की है तो आपके जनरल डिब्बे के टिकट की वैलिडिटी 3 घंटे की ही होगी. जबकि इससे ज्यादा दूरी होने पर वैलिडिटी खुद बढ़कर 24 घंटे की हो जाती है. ट्रेन आने पर अगर उसके जनरल कोच में पैर रखने की भी अगर जगह नहीं दिख रही है तो आपको नियम के अनुसार अगली ट्रेन का इंतजार करना ही होगा.

स्लीपर कोच में कर सकते हैं आप सफर : अगर आपकी यात्रा 199 Km से कम की है और अगले 3 घंटे तक उस रूट पर जाने वाली कोई ट्रेन नहीं आनी है तो आप उसी रेल के स्लीपर क्लास में यात्रा करने के पूर्ण अधिकारी हैं. हालांकि आपको उस डिब्बे (Indian Railway General Coach Ticket Rules) में सीट नहीं मिल सकती है. उस ट्रेन में TTE के आने पर आपको यह बताना भी होगा कि आप किस वजह से उस स्लीपर क्लास कोच में आए हैं.

TTE आपको दे सकता है सीट : इस दौरान अगर स्लीपर क्लास में कोई भी सीट खाली होती है तो TTE आपसे दोनों श्रेणियों के टिकट का अंतर लेकर स्लीपर क्लास का टिकट भी दे देगा, जिसके बाद आप मजे से सोते हुए यात्रा भी कर सकेंगे. अगर स्लीपर कोच में कोई भी सीट खाली नहीं होती है तो TTE आपको अगले स्टेशन तक यात्रा करने की अनुमति दे सकता है. इसके बाद भी अगर आप स्लीपर क्लास से बाहर नहीं जाते हैं तो वह आप पर 250 रुपये का जुर्माना लगा सकता है.