बिहार के इस युवा IAS का स्टाइल है सबसे अलग,निकल पड़ते हैं पैदल, कभी लाइन में लग डालते हैं वोट

IAS Rahul Kumar: जिला अधिकारी बनना हर सिविल सेवा की तैयारी करने वालों का सपना होता है। आईएएस बनने से पर देश और समाज सुधारने की बात बहुत लोग करते हैं। लेकिन बिहार के एक ऐसे आईएएस भी हैं, जो जहां गए, वहां की तकदीर बदल दी।

इस IAS ऑफिसर का नाम राहुल कुमार है। वर्तमान में पूर्णिया जिला अधिकारिणी रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं। आईएएस राहुल कुमार बिहार के बेस्ट आईएएस के तौर पर जाने जाते हैं। इनके तबादले के वक्त आंसू बहाने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती है। आज हम इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन में 6 मार्च 1987 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे राहुल कुमार के पिता शंभु प्रसाद शिक्षक हैं और मां रागिनी देवी गृहिणी हैं. राहुल ने हिंदी साहित्य में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया, और स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, यूएसए में लीडरशिप प्रोग्राम का भी अध्ययन किया।

हालांकि, वे बचपन से ही आईएएस बनना चाहते थे, लेकिन जब उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को देखा तो उनमें समाज के लिए कुछ करने की भावना प्रबल हुई। साल 2010 में यूपीएससी की परीक्षा में उनका चयन आईपीएस में हुआ, लेकिन उनका टारगेट आईएएस ही था। वह फिर से परीक्षा में शामिल हुए और वर्ष 2011 में आईएएस बनने में सफल हुए।

आईएएस राहुल कुमार ने बेगूसराय के लिए बहुत कुछ किया, जब उन्हें बेगूसराय के जिलाधिकारी के रूप में स्थानांतरित किया गया, तो उन्होंने केवल 16 महीनों में जिले को ओडीएफ का दर्जा दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने देश की सबसे चर्चित सीटों में से एक बेगूसराय में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराया। बेगूसराय में उन्होंने अनुकंपा, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, विभागीय कार्रवाई से जुड़े मामलों को बेहतरीन अंजाम तक पहुंचाया। राहुल कुमार को बेगूसराय के समावेशी विकास के लिए नीति आयोग द्वारा ‘चैंपियन ऑफ चेंज’ पुरस्कार से भी नवाजा गया।

आईएएस ऑफिसर राहुल कुमार को उनके बेहतरीन काम के लिए कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है। वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 में कदाचार मुक्त परीक्षा कराने तथा वर्ष 2018 में बेगूसराय में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के लिए उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया था, वर्ष 2018 में ही उन्हें कौशल विकास के लिए राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया था।